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हरियाणा के नारनौल में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर एक लाख चार हजार रुपए जुर्माना लगाया। अदालत ने पीड़िता के परिवार को चार लाख रुपए देने के निर्देश भी दिए।

नारनौल: नाबालिग को बहला फुसला कर ले जाने व दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया। न्यायालय ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा व एक लाख चार हजार रुपए जुर्माना लगाया। इसके अलावा न्यायालय ने लीगल एड को पीड़िता के परिवार को चार लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करने के आदेश दिए। जुर्माना राशि जमा न करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

पॉक्सो एक्ट में दर्ज किया गया था केस

6 अप्रैल 2020 को नाबालिग पीड़िता ने थाना अटेली में केस दर्ज करवाते हुए बताया कि आरोपी उसे बहला फुसला कर अपने साथ ले गया और जबरन दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। मामले की सुनवाई केपी सिंह स्पेशल कोर्ट, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट, पॉक्सो कोर्ट में हुई। न्यायालय में सुनवाई के दौरान उप जिला न्यायवादी भारत भूषण दहिया ने मामले में अभियोजन पक्ष में प्रभावशाली पैरवी करते हुए न्यायाधीश के सम्मुख दलीलें पेश करते हुए दोषी को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

दोषी की सजा में नहीं बरती नरमी

स्पेशल कोर्ट, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रैक कोर्ट व पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश केपी सिंह ने आरोपित रविंद्र को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। अदालत ने दोषी की सजा में कोई नरमी नहीं बरती और धारा 342 आईपीसी के तहत एक वर्ष कठोर कारावास की सजा, धारा 506 (II) आईपीसी के तहत तीन वर्ष कठोर कारावास की सजा व धारा 6 पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा तथा एक लाख चार हजार रुपए जुर्माना लगाया। जुर्माना राशि जमा न करने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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