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शहीद की पत्नी पर हमले के विरोध में भड़के लोग : हरियाणा के नारनौल जिले के गांव दोस्तपुर में शहीद खुशीराम की पत्नी प्रेम देवी पर हुए हमले ने समूचे क्षेत्र में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। इस घटना के विरोध में रविवार को गांव दोस्तपुर में एक विशेष पंचायत बुलाई गई, जिसमें आसपास के कई गांवों के पंच-सरपंचों और ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। पंचायत का मुख्य उद्देश्य पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना और गांव में भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाना था। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले शहीद खुशीराम की पत्नी प्रेम देवी पर गांव के ही एक युवक और उसके साथियों ने घर में घुसकर अचानक डंडों से हमला कर दिया था। हमलावरों ने लाठियों से प्रेम देवी की बेरहमी से पिटाई की, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। गंभीर रूप से घायल प्रेम देवी को पहले नारनौल और फिर गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। घटना के वक्त प्रेम देवी के बेटे भी घर पर नहीं थे। वे भी फौज में हैं। 

आरोपियों को कोई अपने समारोह में नहीं बुलाएगा

पंचायत की अध्यक्षता कर रहे लक्खी एडवोकेट ने कहा कि यह केवल प्रेम देवी पर हमला नहीं, बल्कि पूरे समाज की गरिमा पर चोट है। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी। पंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आरोपियों के परिवारों का गांव में सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इस निर्णय के तहत गांव का कोई भी व्यक्ति उनके घर नहीं जाएगा, न ही किसी सामाजिक समारोह में उन्हें आमंत्रित किया जाएगा। इसके साथ ही, गांव में एक निगरानी कमेटी का गठन किया गया है, जो बाहरी संदिग्ध तत्वों पर नजर रखेगी और जरूरत पड़ने पर पुलिस को सूचना देगी।

थाना प्रभारी ने सात दिन का मांगा समय

इस मौके पर नांगल चौधरी थाना प्रभारी छतरपाल भी पहुंचे। उन्होंने पंचायत को आश्वासन दिया कि मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है और सात दिन के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पंचायत ने उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें पीड़िता को सुरक्षा देने, दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने और मामले में तेजी लाने की मांग की गई।

पूरे क्षेत्र में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी

ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि जब तक आरोपियों को सलाखों के पीछे नहीं भेजा जाता, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे। शहीद के परिवार को न्याय दिलाने के लिए पूरे इलाके में समर्थन जुटाया जाएगा और आवश्यकता पड़ी तो आंदोलन की राह भी अपनाई जाएगी। पंचायत ने अंत में सभी ग्रामीणों से एकजुट रहने और सामाजिक समरसता बनाए रखने की अपील की, साथ ही चेताया कि अगर भविष्य में किसी ने भी गांव के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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