नारनौल: नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के मामले में न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषी पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। दोषी को सजा मिलने के बाद पीड़िता के परिजनों को न्याय मिला। अदालत ने दोषी की सजा में कोई नरमी नहीं बरती। दोषी ने नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया था, जिसके चलते सजा दी गई है।
2021 में नाबालिग के साथ किया था दुष्कर्म
मामले के अनुसार 19 जून 2021 को नाबालिग पीड़िता के परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में बनाया कि आरोपी ने उनकी नाबालिग बेटी के साथ गलत काम किया। इस संबंध में थाना शहर महेंद्रगढ़ पुलिस (Police) ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। नाबालिग पीड़िता के मजिस्ट्रेट के समक्ष ब्यान करवाए गए। मामले में जांच इकाई द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्यों का आंकलन कर कार्रवाई करते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय के सम्मुख पेश किया। मामले की सुनवाई केपी सिंह स्पेशल कोर्ट, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रैक कोर्ट, पॉक्सो कोर्ट में हुई।
अदालत ने सुनाई दोषी को सजा
न्यायालय में सुनवाई के दौरान उप जिला न्यायवादी भारत भूषण दहिया ने मामले में अभियोजन के पक्ष में प्रभावशाली पैरवी करते हुए न्यायाधीश के सम्मुख दलीलें पेश की और दोषी को सजा दिलाने में भूमिका निभाई। सुनवाई के दौरान न्यायालय (Court) ने मामले को बहुत ही संगीन माना और जांच इकाई की उत्कृष्ट पैरवी एवं प्रॉसीक्यूशन की ओर से पेश की गई मजबूत दलीलों से दोषी की सजा में कोई नरमी नहीं बरती। न्यायालय ने मामले में सुनवाई करते हुए दोषी को अंतिम सांस तक कठोर कारावास व एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।