नारनौल: गांव बापडोली में प्राइवेट स्कूल संचालक का बदमाशों ने उस समय अपहरण कर लिया, जब वह शुक्रवार दोपहर छुट्टी कर अपने घर जाने के लिए स्कूटी से निकला था। अपहरण करने वाले कार में बदमाशों की संख्या पांच बताई जा रही है। कार की नंबर प्लेट पर गिली मिट्टी लगाई हुई थी। स्कूल संचालक को अपहरण कर घने जंगल में एक पहाड़ी पर लेकर गए और परिजनों से 50 लाख की फिरौती मांगी। अपहरण की सूचना के बाद रातभर सीआईए महेंद्रगढ़, नारनौल और सदर महेंद्रगढ़ व नारनौल की पुलिस भागदौड़ करती रही। फिलहाल सदर थाना नारनौल में पीड़ित स्कूल संचालक की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है।
स्कूल से घर के लिए निकला था पीड़ित
शहर के मौहल्ला कायस्थवाड़ा वासी राकेश कुमार ने बताया कि गांव बापडोली की सीमा में उसका चाणक्य पब्लिक स्कूल है। शुक्रवार दोपहर करीब सवा दो बजे वह स्कूल से अपनी स्कूटी पर बैठकर घर जा रहा था। जब वह बाबा जोधादास मंदिर महरमपुर के पास पहुंचा तो कच्चे रास्ते में एक कार खड़ी हुई थी। जिसके नंबरों पर मिट्टी लगी हुई थी। तीन युवक गाड़ी के पास बाहर खड़े हुए थे। आरोपियों ने उसकी स्कूटी को रूकवा लिया और नीचे गिरा दिया। फिर जबरदस्ती उठाकर कार में डाल दिया, जिसमें चालक सहित दो व्यक्ति पहले ही बैठे थे। कुल पांच व्यक्तियों ने उसका अपहरण करके कार में डालकर मुंह पर कपड़ा ढक दिया और उसे लेकर चल दिए।
पहाड़ी पर आरोपियों ने कार से उतारा
पीड़ित ने बताया कि आरोपी उसे एक पहाड़ी के पास लेकर गए और कार से उतार लिया। वहां पर एक युवक ओर मिला और सभी एक साथ पहाड़ी के ऊपर लेकर गए। उसे एक पत्थर पर बैठा लिया। एक युवक ने मोबाइल ले लिया और कहा कि 50 लाख रुपए दे। आरोपियों ने उसके परिजनों के पास फोन कर 50 लाख की फिरौती मांगी। बात नहीं बनी तो 25 लाख रुपए मांगे। इसके बाद एक युवक ने मोबाइल ले लिया और मोबाइल के फोन पे से विकास प्राइवेट कम्पनी नाम के खाता में एक बार 50 हजार, दूसरी बार 50 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए। इस बीच थप्पड़ मुक्के मारते हुए फोन पे से दूसरे पीएनबी बैंक खाता में से 62 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए।
जंगल में छोड़कर फरार हुए आरोपी
पीड़ित ने बताया कि आरोपी उसे पहाड़ी से नीचे लेकर आए और मोबाइल की सिम तोड़ दी। उसे जंगल में छोड़कर आरोपी फरार हो गए। वह जंगल से चलता हुआ गांव की तरफ गया, तब एक राहगीर से मिलने पर बताया कि यह गांव बुडीन है। वह गांव में अड्डे पर चला गया, जहां पर समशेर नाम के व्यक्ति ने उसकी सहायता करते हुए खुद का मोबाइल दिया। उसने दोस्त संजय वर्मा के पास फोन करके वारदात से अवगत करवाया और खुद के पास बुलाया। शाम करीब सात बजे दोस्त संजय, भाई सतीश व अन्य साथी वहां आए और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।