Nuh: जिला कारागार नूंह में बंद दो बंदियों ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी नूंह में रखवा दिया। मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि अगर जेल प्रशासन ने वीडियोग्राफी के साथ - साथ डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम नहीं कराया व मामले में जल्दी उचित कार्रवाई नहीं की तो वह शव लेने से इनकार कर देंगे। दोनों बंदियों की मौत के बाद परिजनों में आक्रोश देखने को मिल रहा है।
पॉक्सो एक्ट में मृतक पर था केस दर्ज
जानकारी अनुसार वकील निवासी गांव रणसीका गत 30 जून से जिला कारागार नूंह में बंद है। उस पर पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत पिनगवां थाने में मामला दर्ज किया गया था। दूसरे बंदी का नाम नारायण निवासी गांव खलीलपुर तिजारा बताया जा रहा है, लेकिन जेल प्रशासन ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए नूंह सीएचसी में रखवा दिया है। कुल मिलाकर जिला कारागार नूंह में बंदियों द्वारा आत्महत्या करने का यह पहला मामला प्रकाश में आया है। हालांकि इससे पहले जेल प्रशासन पर बंदियों के साथ मारपीट करने के आरोप लगते रहे हैं। कुल मिलाकर इस मामले में त्वरित व उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
बंदियों ने आत्महत्या की या मौत का अन्य कोई कारण, जांच का विषय
जेल में बंद दो बंदियों की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए है। जेल प्रशासन जहां आत्महत्या बता रहा, वहीं मौत की दूसरी वजह भी हो सकती है। जबकि परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बंदियों की मौत कैसे हुई, इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा। जिला कारागार नूंह में अलग - अलग मामलों में बंद दो बंदी अब दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह चुके हैं। पुलिस मामले में गंभीरता के साथ जांच पड़ताल कर रही है।