Jind: जिले में स्वाइन फ्लू से तीन लोगों की मौत होने के बावजूद आजमन जहां संक्रमण के प्रति लापरवाह नजर आ रहे हैं। वहीं अस्पताल प्रशासन भी इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोई पुख्ता कदम नहीं उठा रहा। दिनभर अस्पताल की नई बिल्डिंग में ओपीडी पर्ची तथा दवा खिड़की के बाहर लोग एक-दूसरे से सटे हुए नजर आ रहे हैं। यही नजारा चिकित्सकों के कमरों के बाहर लगने वाली भीड़ का है। साथ ही अस्पताल की लैब के बाहर भी जब रिपोर्ट के लिए लाइन में लगा जाता है तो फिजिकल डिस्टेंसिंग का कोई ध्यान नहीं रखा जाता। ऐसे में अगर लापरवाही बरती तो जींद में भी स्वाइन फ्लू के केस लगातार बढ़ने लगेंगे। जिले को स्वाइन फ्लू संक्रमण फैलने से बचाना है तो हमें पहले की तरह ही फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने का विशेष ध्यान रखना होगा।
यह है जिला में स्वाइन फ्लू की स्थिति
जिला में इस समय स्वाइन फ्लू के 11 केस सामने आ चुके हैं। जिनमें से तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। जिले के अर्बन एस्टेट निवासी, गांव गुरथली निवासी तथा सुरबुरा निवासी एक व्यक्ति शामिल है। हालांकि ये लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। जिले में 2009 में स्वाइन फ्लू का पहला केस सामने आया था और उस समय 50 लोग स्वाइन फ्लू के मरीज मिले थे। इनमें से दो की मौत भी हुई थी। इसके बाद 2015 में स्वाइन फ्लू की दस्तक जींद में हुई और स्वाइन फ्लू ने चार लोगों की जान ले ली थी। वहीं 70 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। अब 2024 में फिर से स्वाइन फ्लू के 11 केस सामने आए हैं जिनमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
मौसम का बदलाव बन रहा बड़ा कारण
स्वाइन फ्लू के लक्षण कोरोना से बेहद मिलते जुलते हैं। ऐसे में मौसम में बदलाव के साथ ही लोगों में सर्दी, खांसी की शिकायत भी बढ़ने लगी है। जिसके चलते टैस्ट करवाए जा रहे हैं। चिकित्सकों ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई भी व्यक्ति या उसके परिवार के अन्य सदस्यों को जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में कठिनाई, स्वाद या गंध नहीं आने की शिकायत है तो ऐसे लोगों को तत्काल प्रभाव से जांच करवानी चाहिए।
सर्दी, खांसी व जुखाम के मरीज टैस्ट अवश्य करवाएं : डॉ. बिजेंद्र
नागरिक अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. बिजेंद्र ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में स्वाइन फ्लू से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया हुआ है। इसके अलावा सर्दी, खांसी व जुखाम के मरीजों के भी सैंपल लिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। आमजन को चाहिए कि कोरोना नियमों की तरह ही स्वाइन फ्लू के नियमों की पालना करें।