हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार का कारण जानने के लिए आठ सदस्यीय कमेटी ने आज दिल्ली में मंथन किया। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और प्रदेश के सह प्रभारी जितेंद्र बघेल ने की। इस बैठक में न केवल विधानसभा चुनाव, बल्कि लोकसभा चुनाव हारने वाले कांग्रेस प्रत्याशियों ने हिस्सा लिया। खास बात है कि कुमारी सैलजा के गुट से दो विधायकों ने इस बैठक से दूरी बनाए रखी।

बैठक संपन्न होने के बाद सह प्रभारी जितेंद्र बघेल ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने हरियाणा में मिली हार के लिए बीजेपी की धांधली को जिम्मेदार ठहराया। बघेल ने कहा कि चुनाव में अनियमितताएं हुई हैं। कुछ प्रत्याशियों ने सबूत दिया है, कुछ प्रत्याशी बाद में सबूत देंगे। उन्होंने कहा कि यह कमेटी अलग से बैठक करना चाहती है, तो कर सकती है। बहरहाल, इस बैठक की रिपोर्ट तैयार करके हाईकमान को भेजी जाएगी। इसके बाद कोर्ट में जाने का फैसला होगा।

'चुनाव आयोग भाजपा की कठपुतली'

आठ सदस्यीय कमेटी के चेयरमैन करण सिंह दलाल ने भी कांग्रेस की हार के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हरियाणा चुनाव रातोंरात बदल गया था। चुनाव आयोग ने भाजपा की कठपुतली बनकर काम किया। सरकारी अफसरों का भी दुरुपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि यह बात सभी प्रत्याशियों ने बताई है। एक सवाल के जवाब में कहा कि इसके अलावा किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई है।

क्या भूपेंद्र हुड्डा जिम्मेदार?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा गुट से रामनिवास राड़ा और शमशेर सिंह गोगी ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया। दरअसल, सैलजा के समर्थकों का आरोप है कि इस हार के लिए भूपेंद्र हुड्डा भी बराबर के जिम्मेदार हैं। हालांकि इन दोनों प्रत्याशियों की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है कि उन्होंने किस कारण से इस बैठक को नजरअंदाज किया है। बहरहाल, करण दलाल ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी है, उससे लगता है कि कांग्रेस इस हार के लिए 'भीतरघात' को नहीं, बल्कि बीजेपी की कथित धांधली को सबसे ज्यादा जिम्मेदार मानती है।