Bahadurgarh: दूध की कीमतों में एक बार फिर उबाल आया हुआ है। अमूल के साथ मदर डेयरी ने भी दूध के दाम बढ़ा दिए हैं। इन कंपनियों ने दूध के दाम दो रुपए प्रति लीटर बढ़ाने का ऐलान किया है। सरकार के पहले पांच वर्षों के कार्यकाल में दिल्ली में फुल-क्रीम दूध के दाम मई-2014 में 48 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर मई-2019 में 54 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गए थे। अब सोमवार को भी इसमें दो रुपए प्रति लीटर की दर से बढ़ोत्तरी हुई है। अब अमूल एक लीटर दूध खरीदने के लिए ग्राहकों को 66 रुपए के बजाय 68 रुपए देने होंगे।
बढ़ते दूध की कीमत बनी आमजन की मुसीबत
दाल, सब्जियों और खाने-पीने की दूसरी चीजों की महंगाई के कारण पहले से हलकान मध्यम और निम्न वर्ग के लिए दूध की महंगाई बर्दाश्त से बाहर हो रही है। दूध की कीमतों में बढ़ोतरी का यह ट्रेंड लगातार आमजन पर भारी पड़ रहा है। दूध के दाम बढ़ने से मक्खन, घी, दही, लस्सी, खोया, पनीर, आइसक्रीम आदि की कीमतों में भी इजाफा स्वाभाविक है। इस आग से आम आदमी ही झुलसता हुआ दिखाई दे रहा है। महंगाई का भार आम जनता पर लगातार बढ़ता जा रहा है। जानकारों के मुताबिक दूध की कीमत पशुपालकों से खरीद की दर, प्रोसेसिंग कॉस्ट और ट्रांसपोर्टेशन की कीमत जैसे कई कारकों पर निर्भर करती है।
दूध के कारोबार की निगरानी के लिए नहीं कोई मशीनरी
विशेषज्ञों के अनुसार दूध के कारोबार की निगरानी और नियंत्रण के लिए कोई मशीनरी नहीं है। पिछले कुछ सालों से यह ट्रेंड बन गया है कि पहले अमूल दूध की कीमतों में बढ़ोतरी करता है और फिर धीरे-धीरे दूसरी दूध बेचने वाली कंपनियां भी कीमतों में बढ़ोतरी कर देती हैं। मध्यम वर्ग तो खींचतान कर और दूध की मात्रा में कटौती कर किसी तरह काम चलाने की कोशिश कर सकता है। लेकिन उस गरीब तबके का क्या होगा, जिसके लिए दो वक्त की रोटी जुटाना पहले ही मुश्किल हो रहा है। अगर इसी रफ्तार से दूध के दाम बढ़ते रहे तो गरीब बच्चों को दूध की बूंद तक नसीब होना बंद हो जाएगी।