Hisar: एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीई गिरीश व एसडीसी विनोद कुमार को 17 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। दोनों पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। एसीबी की टीम दोनों आरोपियों को शनिवार अदालत में पेश करेगी। टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

जनस्वास्थ्य विभाग में ठेकेदार का लाखों रुपए था बकाया

जनस्वास्थ्य विभाग के ठेकेदार कृष्ण कुमार जेवरा ने शिकायत दर्ज करवाई कि वह पिछले कुछ समय से विभाग में ठेकेदारी का कार्य कर रहा है। इसके चलते विभाग की तरफ उसके 8-9 लाख रुपए बकाया हो गए। बिल पास करवाने के लिए वह एसडीई गिरीश कुमार व एसडीसी विनोद के पास कई दिनों से चक्कर काट रहा था, लेकिन वे केवल आश्वासन देकर ही टरका रहे थे। इसी के चलते एसडीसी विनोद कुमार का हिसार से हांसी तबादला हो गया। विनोद कुमार ने 19 फरवरी को हांसी में ज्वाइन कर लिया, लेकिन हिसार में पुराना कार्य उसी के ध्यान में होने के कारण ठेकेदार लगातार विनोद कुमार से संपर्क करता रहा।

बिल पास करने की ऐवज में मांगी थी रिश्वत

ठेकेदार कृष्ण ने आरोप लगाया कि विनोद कुमार ने उसे कहा कि वह इतने लंबे समय से उसके बिल आदि पास कर रहा है, ताजा बिल भी करवा देगा, इसके लिए उसे कुछ खर्चा पानी देना होगा। इस पर ठेकेदार ने उसे कहा कि वह हिसार आ जाए, एसडीई गिरीश कुमार के सामने बैठकर दोनों का हिसाब कर देगा, कोई दिक्कत नहीं है। इसके बाद ठेकेदार ने एंटी करप्शन ब्यूरो को सूचना दे दी। ब्यूरो ने एक टीम तैयार करके ठेकेदार को पाउडर लगे नोट दे दिए। जैसे ही विनोद कुमार ने ठेकेदार से 17 हजार रुपए लिए, टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। एंटी करप्शन ब्यूरो ने दोनों पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया।

पहले भी पकड़ा गया था गिरीश कुमार

बताया जा रहा है कि पकड़े गए एसडीई गिरीश कुमार व एंटी करप्शन ब्यूरो का पुराना नाता रहा है। एंटी करप्शन ब्यूरो के सूत्रों के अनुसार जिस समय गिरीश कुमार जेई था तो उस समय भी रिश्वत के एक मामले में विजीलेंस ने उसे गिरफ्तार किया था। अब पदोन्नति के बाद गिरीश कुमार एसडीई बने तो फिर हत्थे चढ़ गया।