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आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से बदसलूकी मामले पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने पक्ष नहीं रखा है। इससे उनके गांव के लोग भी खासे नाराज हैं। खास बात है कि अरविंद केजरीवाल के पास आज सभी सवालों का जवाब देने का मौका था, लेकिन यहां भी उन्होंने चुप्पी साध ली।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाला में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से लगातार 9 समन का नजरअंदाज करके अपने गृह जिले यानी भिवानी के लोगों को नाराज कर चुके हैं। अब आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से सीएम आवास पर बदसलूकी ने सभी को चौंका दिया है। लोगों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल को इस पूरे मामले पर अपना पक्ष रखना चाहिए।

खास बात है कि अरविंद केजरीवाल के पास आज मौका भी था कि मीडिया के समक्ष इस मामले पर अपना पक्ष रखते, लेकिन उन्होंने जवाब देने की बजाए यहां भी चुप्पी साध ली। उनकी जगह राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मीडिया के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने भी स्वाति मालीवाल के पीए बिभव कुमार पर एक्शन को लेकर सीधा जवाब देने की बजाए मणिपुर में महिलाओं से दरिंदगी और दिल्ली में महिला पहलवानों से प्रदर्शन के दौरान व्यवहार को लेकर बीजेपी को घेरने का प्रयास किया। नीचे संजय सिंह का बयान देखिये, इसके आगे बताते हैं कि इस घटनाक्रम से हरियाणा में आप की राजनीति पर कितना असर पड़ सकता है।

अरविंद केजरीवाल कब तोड़ेंगे चुप्पी?

हरियाणा के भिवानी जिला स्थित सिवानी के लोगों की मांग है कि अरविंद केजरीवाल को इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ज्यादातर लोगों ने माना है कि अरविंद केजरीवाल इस मामले पर प्रतिक्रिया न देकर बड़ी गलती कर रहे हैं। यह पहली गलती नहीं है, जब उनके पैतृक जिले के लोग ही नाराज हुए हैं। इससे पहले दिल्ली शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को ईडी ने समन जारी किया तो सबको उम्मीद थी कि वे पूछताछ में शामिल होकर हर आरोप का सामना करेंगे। लेकिन उन्होंने हर बार बहाना बनाया और अलग-अलग दलील देकर 9 समन पर भी पेश नहीं हुए। नतीजा यह हुआ कि उन्हें गिरफ्तार होना पड़ा।

लोगों का कहना है कि स्वाति मालीवाल से बदसलूकी मामले पर भी जवाब नहीं दिया है। ऐसे में उस गर्व पर चोट लग रही है, जो कि सरकारी नौकरी छोड़कर भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करके हासिल किया था। लोगों की मांग है कि अरविंद केजरीवाल अगर निर्दोष हैं, तो उन्हें जल्द से जल्द सामने आकर पूरे मामले पर जवाब देना चाहिए।

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