आम आदमी पार्टी को अलविदा कहने की तैयारी में अशोक तंवर, हरियाणा में केजरी को दे सकते हैं झटका

Rothak। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एंव सांसद अशोक तंवर ने जल्द आम आदमी पार्टी को अलविदा कहकर लोकसभा चुनावों से पहले केजरीवाल को बड़ा झटका दे सकते हैं। करीब एक साल पहले आम आदमी में शामिल होने के बाद हाल फिलहाल में अशोक तंवर की पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी से तो कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। शुक्रवार को दिल्ली में हुए प्रदेश भाजपा के एक बड़े नेता से अशोक तंवर की मुलाकात की चर्चाएं प्रदेश की सियासत में ट्रेंड करती रही। कांग्रेस के बाद अपनी पार्टी से नई शुरूआत करने वाले अशोक तंवर का टीएमसी व आप के बाद अगला ठिकाना कहां होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, परंतु उनके आप छोड़ने के साथ भाजपा में आने की चर्चाओं ने सर्द हवाओं में प्रदेश की सिसायत को गर्मा दिया है।
दिल्ली में एनएसयूआई से की थी शुरूआत
अशोक तंबर ने दिल्ली में एनएसयूआई की सीढ़ी चढ़ते हुए प्रदेश की सिसायत में कदम रखा था। राहुल गांधी से नजदीकी व पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा से रिश्तेदारी भी अशोक तंवर के काम आई तथा सिरसा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचे। हुड्डा के दूसरे कार्यकाल में शैलजा की जगह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली।
दिल्ली विवाद से और बढ़ी थी दूरियां
भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अशोक तंबर के बीच हुड्डा के दूसरे मुख्यमंत्री काल में दूरियां बढ़नी शुरू हो गई थी। दिल्ली में कांग्रेस प्रदर्शन के दौरान पार्टी की गुटबाजी खुलकर सामने आई तथा अशोक तंवर ने प्रदर्शन के दौरान स्वयं पर हुए हमले के लिए सीधे-सीधे हुड्डा परिवार जिम्मेदार ठहराकर पार्टी नेतृत्व को धर्म संकट में डाल दिया। पार्टी प्लेटफार्म पर सुनवाई नहीं होने से आहत अशोक तंवर ने 2019 के विधानसभा चुनावों से पहले टिकट बंटवारे में भ्रष्ट्राचार के आरोप लगाते हुए कांग्रेस को बॉय बॉय कर दिया।
चार साल में बनाए तीन ठिकाने
2019 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ने के बाद अशोक तंवर अब तक तीन ठिकाने बना चुके हैं। कांग्रेस से अलग होने के बाद उन्होंने अपना दल बनाया। 2021 में ममता की मौजूदगी में टीएमसी को ज्वाइन किया तथा फिर करीब एक साल पहले टीएमसी छोड़कर आप में आ गए। अशोक तंवर के आने के बाद आप ने अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में एक साथ प्रदेश में एक लाख सदस्यों को शपथ दिलवाने का दावा भी किया।
सिरसा या अंबाला पर रहेगी निगाह
भाजपा में आने पर अशोक तंवर की निगाह 2024 में सिरसा या अंबाला से लोकसभा चुनाव लड़ने पर हो सकती है। प्रदेश की दोनों ही सीट आरक्षित हैं तथा अंबाला में रत्न लाल कटरिया के निधन के बाद भाजपा को सैलजा के मुकाबले मजबूत चेहरे की तलाश रहेगी। सिरसा सीट से सुंनीता दुग्गल भाजपा की सांसद हैं, यहां भी राजनीतिक नफे नुकसान के आंकड़ों में अशोक तंवर को टिकट मिलने की उम्मीद बनी रहेगी।
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS