Haryana: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा की चुनावी हार के बाद अब बीजेपी ने अपनी नीतिगत हार भी स्वीकार कर ली है। क्योंकि जिस बीजेपी ने सत्ता में आते ही कांग्रेस द्वारा शुरू की गई 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट आवंटन की स्कीम को बंद कर दिया था, वहीं बीजेपी अब प्लॉट बांटने की बात कह रही है। जो बीजेपी फैमिली और प्रॉपर्टी आईडी को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानती थी, अब वहीं बीजेपी उनकी खामियों को स्वीकार कर रही है। जो सैकड़ों करोड़ का घोटाला है।

10 साल से चल रही पोर्टल की सरकार

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 10 साल से हरियाणा में पुलिस, प्रोपेगेंडा और पोर्टल की सरकार चल रही है। पुलिस के जरिए बीजेपी ने किसानों, कर्मचारियों, पंच व सरपंचों पर लाठी गोलियां बरसवाई। वेतन बढ़ोत्तरी की मांग कर रही आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर, मिड डे मील वर्कर और सफाई कर्मियों पर भी पुलिसिया अत्याचार करवाया। बीजेपी ने परिवार पहचान पत्र और प्रॉपर्टी आईडी जैसे पोर्टल के जंजाल में जनता को उलझा कर रख दिया। इसमें 90 से 95 प्रतिशत तक खामियां पाई गई। इन योजनाओं के जरिए सैकड़ों करोड़ रुपए के घोटाले को अंजाम दिया गया। पोर्टल में बड़े पैमाने पर इसमें धांधलियां पकड़े जाने के बावजूद इनको बनाने वाली एजेंसियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आरक्षण को खत्म करना चाहती है भाजपा

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीजेपी सरकार सरकारी शिक्षा, पक्की नौकरी और एससी-ओबीसी का आरक्षण खत्म करना चाहती है। यही वजह है कि उसने गरीब, किसान व एससी-ओबीसी परिवारों को शिक्षा से वंचित करने के लिए सरकारी संस्थाओं की फीस में कई-कई गुणा बढ़ोत्तरी की है। एमडीयू में सरकार ने सीधे 5 गुणा फीस बढ़ाकर अपने मंसूबे साफ कर दिए हैं। इसी तरह ये सरकार प्रदेश में खाली पड़े 2 लाख पदों पर पक्की भर्तियां नहीं कर रही और कौशल निगम के जरिए इन पदों को भरा जा रहा है। क्योंकि कौशल निगम में ना किसी तरह की पारदर्शिता है, ना मेरिट और ना ही आरक्षण।

पिछड़ा वर्ग की क्रीमी लेयर लिमिट को 8 से घटकर 6 लाख किया

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आरक्षण को खत्म करने के लिए सरकार ने पिछड़ा वर्ग की क्रीमी लेयर लिमिट को 8 से घटकर 6 लाख कर दिया। इसे लाखों परिवारों का आरक्षण खत्म हो गया। लेकिन कांग्रेस सरकार इसे बढ़कर 10 लाख करेगी ताकि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ मिल सके। कांग्रेस सरकार ने गरीब परिवारों को गांवों में रिहायशी जमीन का अधिकार देने के लिए देश की एक क्रांतिकारी योजना चलाई थी। इस योजना के जरिए लगभग चार लाख गरीब, एससी और ओबीसी परिवारों को 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट बांटे गए थे। बीजेपी ने सत्ता में आते ही इस योजना को बंद कर दिया। 10 साल तक बीजेपी ने लाभार्थियों को प्लॉट से वंचित रखा। इसके लिए बीजेपी को तमाम गरीब, एससी और ओबीसी परिवारों से माफी मांगनी चाहिए।