सोनीपत। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. नरेंद्र कौर की अदालत ने गांव गोरड़ में जमीन के विवाद में हुई फायरिंग के मामले की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों के तीन लोगों को घटना के लिए दोषी माना और पांच-पांच साल की कैद व 12-12 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशि अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी हागी। अदालत ने इसी मामले में दोनों पक्षों के आरोपी बनाए गए तीन लोगों को सबूतों के अभाव में बरी भी किया। सितंबर 2020 में दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी थी। मामला तभी से अदालत में विचाराधीन था तथा सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया।
सोमबीर ने यह दी थी शिकायत
गांव गोरड़ में दो पक्षों के बीच गोलीबारी हो गई थी। जिसमें 24 सितंबर, 2020 दोनों पक्षों ने अलग-अलग शिकायत दी थी। एक पक्ष से सोमबीर ने पुलिस को बताया था कि वह शाम को दुकान से दूध लेकर घर आ रहे थे। रास्ते में उन्हें शोभराम व उनके भाई बिजेंद्र मिले थे। वह उनसे रंजिश रखे थे। ऐसे में वह अपने बचाव में भागकर अपने चचेरे भाई रवि के घर जा घुसे थे। इस दौरान उनका भाई राजबीर भी आ गया था और दोनों ने मिलकर गेट बंद कर दिया था। शोभराम व बिजेंद्र ने गेट तोड़ दिया था और अंदर घुसकर गोलियां चलानी शुरू कर दी थी। जिसमें वह तथा उसका भाई राजबीर और चचेरा भाई रवि भी गोली का छर्रा लगने से घायल हो गए थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था।
शोभराज ने यह दी थी शिकायत
दूसरे पक्ष के शोभराम ने पुलिस को शिकायत दी थी कि कि उनके भाई बिजेंद्र बच्चों की साइकिल को ठीक करवाने के लिए दुकान पर जा रहे थे। वह भी उसके साथ ही चल रहे थे। इसी दौरान जब वह चौपाल के पास पहुंचे थे तो सोमबीर, राजबीर, बिजेंद्र व रमेश आदि ने गोलियां चला दी थी। एक गोली उसके भाई बिजेंद्र को जा लगी थी। शोभराम का आरोप था कि उनके भाई को जान से मारने की साजिश सोमबीर ने अपने भाई श्रवण के साथ सोनीपत जेल में रहते हुए रची थी।
जिसके बाद ही इन सभी ने मिलकर उन पर व उसके भाई पर जानलेवा हमला किया था। पुलिस ने दूसरे पक्ष के बयान पर भी मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले की सुनवाई के बाद अब एएसजे डॉ. नरेंद्र कौर की अदालत ने एक पक्ष के शोभाराम व बिजेंद्र को पांच-पांच साल कैद व 12-12 हजार रुपये जुर्माना किया है। उनके पक्ष मदन को बरी कर दिया गया। वहीं दूसरे पक्ष के राजबीर को पांच साल कैद व छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दूसरे पक्ष के सोमबीर व रमेश को बरी कर दिया गया।