Sonipat। एंटी करप्शन ब्यूरों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम में सोमवार को सोनीपत में जिला कल्याण अधिकारी के चालक को 30 हजार रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी चालक प्रदीप अंतरजातिया विवाह शुगन योजना का लाभ देने की ऐवज में शिकायतकर्ता से 10 हजार रुपये पहले ही ले चुका था। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है तथा मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
अंतरजातिया विवाह योजना का लेना था लाभ
शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन ब्यूरों को बताया कि उनके एक रिश्तेदार ने अंतरजातिया विवाह किया था। जिसके बाद उसने सरकारी योजना के तहत योजना का लाभ लेने के लिए जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय में आवेदन किया। आवेदन करने के लंबे समय बाद भी जब उसे योजना का लाभ नहीं मिला तो उसकी मुलाकात कल्याण अधिकारी के चालक प्रदीप से हुई।
40 हजार में तय हुआ था सौदा
शिकायकर्ता ने एसीबी को बताया कि मुलाकात के दौरान प्रदीप ने उसके रिश्वतेदार से योजना का लाभ दिलवाने के लिए रुपयों की डिमांड की तथा 40 हजार में सौंदा तय हुआ। जिस पर प्रदीप को 10 हजार रुपये पहले दे दिए। प्रदीप लगातार उस पर बाकी 30 हजार रुपये देने का दबाव बना रहा था। शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने योजनाबद तरीके से आरोपी चालक को 30 हजार रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया।
शिकायत के बाद कार्रवाई
एंटी करप्शन ब्यूरों रोहतक के डीएसपी सुमित कुमार ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद इंस्पेक्टर महेद्र सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया। 30 हजार रुपये देकर शिकायकर्ता को चालक के पास भेजा तथा रुपये लेने के बाद इशारा मिलते ही आरोपी चालक को 30 हजार रुपये की रिश्वत के साथ रंगें हाथों दबोच लिया।
50 से बढ़कर 2.50 लाख हुई राशि
सरकार ने अंतरजातिया विवाह को बढ़ावा देने के लिए अंतरजातिय विवाह करने वालों को 50 हजार रुपये शुगन देने के साथ योजना शुरू की थी। 2016 योजना की राशि को बढ़ाकर 1.10 लाख रुपये कर दिया। 2018 में सरकार ने फिर से इसमें बढ़ोत्तरी करते हुए राशि को 1.10 लाख से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये कर दिया।
ऐसे मिलता है लाभ
अंतरजातिय विवाह करने वाले जोड़े को शादी करने के बाद तीन साल के अंतर जिला कल्याण विभाग के दफ्तर में योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना होता है। आवेदक विभाग की वेबसाइड पर ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं।