Fatehabad: टोहाना का राजनगर शुक्रवार देर शाम जंग का मैदान बन गया। आपसी विवाद में दो गुटों में यहां जमकर ईंटें और कांच की बोतलें चली। इससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। काफी देर तक दोनों गुटों के युवा छतों पर चढ़कर दूर- दूर से एक दूसरे की तरफ ईंटें और बोतलें फेंकते रहे। कुछ देर बाद ही पूरे क्षेत्र की गलियां और मकानों की छतें कांच व ईंटों से भर गईं। क्षेत्र के लोग काफी देर तक खौफ में रहे और कमरों में दुबककर अपनी जान बचाई। दोनों तरफ 100-100 के करीब लोग गाली गलौज और ईंट-बोतलों से हमला करते रहे। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची तो मामला शांत हुआ। दोनों तरफ के कई लोगों को चोट लगी हैं। फिलहाल पुलिस कार्रवाई करने में जुटी है।
लोहा काटने वाले कटर को लेकर शुरू हुआ झगड़ा
जानकारी अनुसार शुक्रवार शाम को राजनगर निवासी बोका व हसीना पास ही में रहने वाले सन्नी के घर लोहा काटने वाला कटर मांगने गए थे, जिस पर सन्नी के घर वालों ने कटर देने से इनकार कर दिया। इसी बात को लेकर उनमें आपसी बहस बाजी और तू-तू, मैं-मैं शुरू हो गई। बाद में यह बहस बाजी बड़े झगड़े में तब्दील हो गई और दोनों गुटों की तरफ से एक दूसरे पर पत्थरबाजी शुरू कर दी गई। झगड़ा करने वालों में एक तरफ हेमा, गीता, गुजर, कर्ण, सन्नी, फौजी, राहुल, बॉबी, रामू, जैकी, रवि रिंकू आदि शामिल थे, जबकि दूसरे पक्ष में बोका, पाला, सुरेंद्र, रिंकू, हसीना शामिल रहे। दोनों तरफ से ईंट व कांच की बोतले बरसाई गई, जिससे काफी लोग चोटिल भी हो गए। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
कमरे में घुसकर बचाई लोगों ने जान
राजनगर क्षेत्र में दोनों पक्षों की लड़ाई का अंजाम भुगतने वाली काली बाई ने बताया कि वह शाम को घर पर बच्चों के साथ बैठी थी, उसके पति काम पर गए हुए थे। एकाएक हंगामा शुरू हुआ और दोनों तरफ से ईंटें और बोतलें चलने लगी। उसकी छत और आंगन में भी ईंटें बरसने लगी तो वह बच्चों को लेकर कमरे में घुसी और अपनी जान बचाई। इसके बावजूद कुछ लोग छतों से घर में घुसे और दरवाजे व अन्य सामान तोड़ना शुरू कर दिया। बच्चे डर गए, बाद में पुलिस आई तो उनकी जान में जान आई। उधर टिंगा नाथ ने बताया कि वह काम से लौटा ही था कि मोहल्ला जंग का मैदान बना हुआ था। उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं और वह यहां किराये के मकान पर रह रहा है। यदि दोनों पक्षों के झगड़े में बच्चों को कुछ होता तो उसका जिम्मेदार कौन होता।