डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आने को छटपटा रहा है। रेप और हत्या जैसे मामले में दोषी राम रहीम ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से पैरोल और फरलों के लिए गुहार लगाई है। हाईकोर्ट ने भी राम रहीम की अर्जी पर हरियाणा सरकार और एसजीपीसी को नोटिस जारी किया है। इन सबके बीच डेरा प्रमुख के अनुयायियों ने राम रहीम के 'आशीर्वाद' को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। #आशीर्वाद पर राम रहीम के सामाजिक कार्यों को बखान किया जा रहा है।
डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों का कहना है कि राम रहीम ने आशीर्वाद अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान उन जरूरतमंद परिवारों के लिए शुरू किया गया है, जिनके माता पिता आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों की शादी नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा, इस अभियान के तहत बेसहारा बेटियों की शादी भी कराई जाएंगी।
राम रहीम के अनुयायी निखिल सैनी का कहना है कि शादी पर काफी पैसा खर्च होता है। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण बेटियों को जरूरत का सामान भी नहीं दे पाते हैं। ऐसे गरीब परिवारों की मदद के लिए आशीर्वाद अभियान की शुरुआत की गई है। उन्होंने बताया कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी आशीर्वाद अभियान के तहत राम रहीम को उनकी बेटी की शादी का सामान उपलब्ध कराने में मदद करते हैं।
राम रहीम ने लगाई थी हाईकोर्ट से यह गुहार
बता दें कि राम रहीम ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से पैरोल और फरलो के लिए गुहार लगाई थी। राम रहीम का कहना है कि उसके पास इस साल के लिए अभी भी 41 दिन की पैरोल और फरलो बची हैं। उसने दावा किया कि इस साल पैरोल के लिए 20 दिन और फरलों के लिए 21 दिन मिलाकर कुल 41 दिन रिहाई के पात्र है। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इस अर्जी पर सोमवार को सुनवाई की। हाईकोर्ट ने इस मामले पर हरियाणा सरकार और एसजीपीसी को नोटिस जारी किया है।
अभी तक 9 बार आ चुका जेल से बाहर
राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बलात्कार और हत्या के मामलों में 20 साल की सजा से लेकर उम्र कैद तक की डबल सजा भुगत रहा है। अभी तक उसे 9 बार पैरोल मिल चुकी है। पिछली बार जब पैरोल पर रिहा हुआ तो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को चेताया था कि राम रहीम को पैरोल पर रिहा करने से पहले सलाह मशवरा करना है।
हाईकोर्ट की एक बेंच ने 29 फरवरी को हरियाणा सरकार को निर्देशित किया था कि आगे से कोर्ट की अनुमति के बिना राम रहीम के पैरोल पर विचार न किया जाए। ऐसे में गुरमीत ने दलील दी है कि पैरोल और फरलो का उद्देश्य समाज के लिए सुधार कार्यों के तहत है। यह परिवार और समाज के साथ अपने सामाजिक संबंधों को सक्षम बनाता है।