Narnaul: सिंचाई विभाग नलवाटी क्षेत्र के सूखाग्रस्त गांवों में नहरी पानी पहुंचाने की योजना के तहत हसनपुर रजवाहा से नारेड़ी तक डीआई पाइप लाइन बिछाएगा। गांव छिलरो एवं नारेड़ी में दो वाटर टैंकों का निर्माण किया जाएगा। यह कार्ययोजना आने वाले मानसून सीजन से पहले तैयार करने का प्रयास है। जोहड़ों, पाइपलाइन एवं वाटरटैंकों के निर्माण पर करीब 12.5 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिससे भूजल रिचार्ज व सिंचाई के लिए लोगों को लाभ मिलेगा।

नलवटी को बरसों पहले डार्क जोन किया था घोषित

बता दें कि केंद्रीय जल बोर्ड ने नलवाटी निजामपुर क्षेत्र को बरसों पहले डार्क जोन घोषित किया था। इस क्षेत्र में अब हमेशा ही सूखाग्रस्त जैसे हालात बने रहते हैं। फसलें पूर्णतया बरसात पर निर्भर हैं और किसान बरसात को तरसते रहते हैं। नहरों का जाल एवं उनमें पानी आने की भी स्थिति बिल्कुल नगण्य है। जिला महेंद्रगढ़ में यही वह क्षेत्र है, जहां नहरों को भी किसान मोहताज बने हुए हैं। नहरी पानी के लिए यहां के किसान एवं संघर्ष समिति हमेशा संघर्षरत दिखाई देते हैं, लेकिन अब तक उनकी नहरी पानी की मांग पूरी नहीं हुई है। अब सिंचाई विभाग इस क्षेत्र की सुध ले रहा है और नहरी पानी पहुंचाने की योजनाओं पर अमल किया जा रहा है।

वाटर टैंक का यह होगा साइज

छिलरो एवं नारेड़ी में बनाए जाने वाले वाटर टैंकों की लंबाई 141 गुणा 134 मीटर होगी, जबकि गहराई 4.60 मीटर होगी। कुल रकबा साढ़े पांच या छह एकड़ होगा। एक वाटर टैंक पर करीब 3.5 करोड़ की लागत जाएगी। इनके अलावा सिंचाई विभाग गांव छिलरो, पवेरा एवं नारेड़ी में अलग-अलग जोहड़ों का भी निर्माण करवाएगा। नहर विभाग हसनपुर रजवाहे से छिलरो टैंक में नहर के जरिए पानी पहुंचाएगा तथा वहां से पानी लिफ्ट करके दो जोहड़ घाटासेर, एक जोहड़ छिलरो, एक पवेरा, एक नाहरेड़ी तथा एक टैंक नारेड़ी में पानी पहुंचाया जाएगा।

जोहड़ों से जोड़े जाएंगे बरसाती नाले

नलवाटी क्षेत्र के जोहड़ों को नालों से भी जोड़ा जाएगा। इनमें आरसीसी पाइपलाइन दबाकर बरसाती नाली बनाकर जोहड़ों से जोड़ा जाएगा, ताकि बरसात का फालतू पानी इन जोहड़ों एवं वाटर टैंकों में डाला जा सके। सिंचाई विभाग की योजना बरसात के दिनों में पश्चिमी हरियाणा में बरसात के फालतू पानी यानि बाढ़ के पानी को दक्षिण हरियाणा में लाकर यहां के नदी, नालों, जोहड़ों एवं वाटर टैंकों को पानी से भरने की योजना है, ताकि इससे न केवल यहां का भू-जल रिचार्ज हो सके, बल्कि जरूरत पड़ने पर किसान इस पानी का उपयोग अपनी फसलों की सिंचाई में भी कर सकें। यह पानी सिंचाई के लिए केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिन्होंने अपने खेतों में फव्वारा प्रणाली या सूक्षम सिंचाई प्रणाली अपना रखी होगी।

यह कहते हैं अधिकारी

सिंचाई विभाग के एसडीओ राजेश वर्मा ने बताया कि सिंचाई विभाग की योजना नलवाटी-गुजरवाटी जैसे सूखाग्रस्त क्षेत्रों को हरा-भरा एवं सिंचित क्षेत्र बनाने की योजना है। इसी तहत करीब 12.5 करोड़ रुपये की लागत से छिलरो एवं नाहरेड़ी में वाटर टैंकों के साथ-साथ जोहड़ों को नहरी पानी से भरने योजना बनाई गई है। जिस पर काम चल रहा है। आने वाले मानसून सीजन से पहले इन योजनाओं को पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है।