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हरियाणा के चरखीदादरी में प्रेम विवाह के बाद दंपती को गोली मारने के आरोपी के परिजनों ने पुलिस पर गिरफ्तारी के बाद गोली मारने व लाखों की रिश्वत लेने का आरोप लगाया। साथ ही लघु सचिवालय में धरना दिया।

Charkhi Dadri: प्रेम विवाह के बाद दंपती को गोली मारने के आरोपी के परिजनों ने पुलिस पर गिरफ्तारी के बाद गोली मारने व लाखों की रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए लघु सचिवालय परिसर में धरना दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गिरफ्तारी के चार दिन बाद आंखों पर पट्टी बांधकर गोली मारी। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को आरोपी पुलिस कर्मचारियों पर मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की।

पिलाना की लड़की ने ऊण गांव के लड़के से किया था प्रेम विवाह 

ज्ञात रहे कि पिलाना गांव निवासी एक लड़की ने ऊण गांव के लड़के के साथ प्रेम विवाह किया था। लड़की के परिजन इस शादी से खुश नहीं थे। लड़की के पक्ष के कुछ लोगों ने लड़के के घर में घुसकर गोली मार दी थी तथा लड़की का अपहरण कर लिया था। उसके बाद आरोपी लकड़ी को गोली मारकर फरार हो गए थे। दोनों का रोहतक पीजीआई में उपचार करवाया था। पुलिस ने लड़के की शिकायत पर लड़की के पिता कुलदीप तथा उसके सहयोगी सोनू व परमजीत पर मामला दर्ज किया था।

आरोपी कुलदीप को गांव नौगांव से किया था गिरफ्तार 

प्रेम विवाह करने वाले दंपत्ति को गोली मारने वाले आरोपी कुलदीप को उसके परिजनों की निशानदेही पर पुलिस ने झज्जर जिला के गांव नौगांव से गिरफ्तार किया था। उसी वक्त आरोपी सोनू व परमजीत को भी कुलदीप ने फोन कर बुला लिया था। पुलिस ने परिजनों व अन्य लोगों की मौजूदगी में तीनों को गिरफ्तार किया था।

सोनू को गोली मारने का समाचार बाद में मिला 

ग्रामीणों ने बताया कि 19 नवंबर को पता चला कि पुलिस ने सोनू को गोली मार दी। जिसमें पुलिस ने आरोप लगाया कि सोनू को गिरफ्तार करते वक्त फायरिंग की है। सोनू को उपचार के लिए पीजीआई भर्ती करवाया गया था। परिजनों ने बताया कि जब वह पीजीआई में सोनू से मिले तो सोनू ने बताया कि पुलिस उसको गाड़ी में बैठाकर ले गई तथा आंखों पर पट्टी बांधकर उसके पैर में गोली मार दी। पुलिस सोनू का फर्जी एनकाउंटर करना चाहती थी तथा अपना कसूर दबाने के लिए सोनू पर फायरिंग करने की झूठी कहानी रची।

गिरफ्तारी के बाद गोली मारने का आरोप

धरने पर बैठे परिजनों ने कहा कि जब उन्होंने मामले से जुड़े तीनों आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया था तो फिर गोली मारने की क्या जरूरत थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने सोनू को हिरासत में रखते हुए गोली मारी है। जबकि सोनू तीन दिन से पुलिस हिरासत में था।

कार्रवाई नहीं तो जल्द होगा आंदोलन 

धरने का नेतृत्व कर रहे अधिवक्ता संजीव तक्षक ने कहा कि पुलिस द्वारा झूठे मुकदमे बनाए जाने, बेवजह गोलियां चलाने, डरा धमका कर परिवार से 10 लाख रुपए ठगे गए हैं। जिसके कारण परिजनों में काफी रोष है। पुलिस के इस दमनकारी रवैये को देखकर वे चुप नहीं बैठेंगे। अगर पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो सामाजिक संगठनों एवं प्रतिनिधियों सहित जल्द ही सड़कों पर उतरकर रोष प्रदर्शन करेंगे।

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