रोहतक। आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान) के 11 विद्यार्थियों के रद्द हुए दाखिले के मामले शुक्रवार को संस्थान निदेशक प्रो. धीरज शर्मा एक और मौका दिया है। आईआईएम ने फाइनल वैरिफिकेशन के बाद वीरवार को 11 छात्रों को ओबीसी कोटा न देते हुए दाखिल रद कर दिए थे। जिसके बाद छात्रों ने मैनेजमेंट पर उन्हें दाखिला देकर हॉस्टल अलाट करने के बाद रात को बाहर निकालने के आरोप लगाए थे। आर्थिक रूप से कमजोर होने का हवाला देते हुए छात्रों व अभिभावकों ने मैनेजमेंट पर उन्हें ओबीसी कोटा देने की मांग की थी। जिस पर आईआईएम प्रबंधन ने छात्रों को 24 जून तक दस्तावेजों के साथ परीक्षा नियंत्रक के सामने अपील करने का समय दिया है। राहत के गलत जानकारी देने वालों को दंड़ात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
शुक्रवार को लिया फैसला
ओबीसी कोटा नहीं मिलने पर छात्रों के दाखिले रद होने के बाद शुक्रवार को छात्रों व अभिभावकों के साथ बातचीत के बाद आईआईएम निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने एक और मौका देने का निर्णय लिया। जिसमें छात्रों को 24 जून तक परीक्षा नियंत्रक के सामने अपील करने का मौका दिया। अब इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। अपील में विद्यार्थी पुख्ता दस्तावेज या अपना स्पष्टीकरण दे सकते हैं। अपील में दिए गए दस्तावेज झूठे पाए जाने पर कानूनी व दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
आय प्रमाण पत्र हुए थे अस्वीकार
फाइनल वैरिफिकेशन में आईआईएम ने 11 छात्रों के आय प्रमाण पत्र अमान्य पाए जाने पर दाखिल रद करने का निर्णय लिया था। आईआईएम की समिति ने स्वयं सत्यापित आय प्रमाण पत्रों में दर्शाई गई आय वास्तविक आय से कम पाई गई थी। जिसके बाद आईआईएम ने आय प्रमाण पत्रों को अमान्य कर दाखिल प्रस्ताव वापस ले लिए थे। जिसके बाद शुक्रवार को कई प्रदेशों से अभिभावक रोहतक पहुंचे व मैनेजमेंट ने लंबे दौर की बातचीत के बाद एक और मौका देने का निर्णय लिया।
24 जून तक का दिया समय
आईआईएम के ओएसडी आशीष खन्ना ने कहा कि संस्थान ने किसी छात्र को नहीं निकाला। सभी को फोन से दस्तावेजों में पाई गई कमी के बारे में अवगत करवाया गया। अब अभिभावकों को भी इसके बारे में बता दिया गया है। दाखिला प्रक्रिया 20 जून को पूरी हो चुकी है अब किसी बच्चे को दाखिला नहीं दिया जाएगा। आठ लाख तक की आय वाले ही ओबीसी कोटे में मान्य है। जबकि 10 से अधिक छात्रों के अभिभावकों की आय 12 लाख या इससे अधिक पाई गई। अब उन्हें 24 तक अपील करने का मौका दिया गया है। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।