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ईडी ने हरियाणा, पंजाब व हिमाचल में 19 लाख कैश व प्रॉपर्टी के दस्तावजों को अपने कब्जे में लिया है। विभाग की मेल से अलग अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवाई राशि। तत्कालीन मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी ने किया था खुलासा। 115 बैंक खातों की हुई जांच

 Chandigarh। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के 72 करोड़ फर्जी खातों में डलवाने संबंधी  मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं। जांच पड़ताल के दौरान खुलासा हुआ है कि फर्जीवाड़े में फर्जी कंपनियों को संपत्ति खरीद औऱ अन्य खर्चों में भी पैसे का इस्तेमाल किया गया। जानकारी अनुसार यूनिसिटी कंस्ट्रक्शन जैसी फर्जी कंपनियों को पैसा दिया गया औऱ उन्होंने निवेश किए। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने  मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में तलाशी औऱ जांच पड़ताल के दौरान 19 लाख कैश और प्रॉपर्टी संबंधी दस्तावेज कब्जे में लिए हैं।

115 बैंक खातों को खंगाला, विभाग की मेल का प्रयोग

करोड़ों के फर्जीवाड़े में 115 बैंक खातों की जांच-पड़ताल का सिलसिला जारी है। ईडी की जांच में बैंक डिटेल के साथ ही अहम जानकारी मिली है कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की आधिकारिक मेल से बैंक को लगभग 50 बार सूचना भेजकर अलग-अलग बैंक खातों में पेमेंट करने को कहा गया था। यह आधिकारिक मेल तत्कालीन डीडीओ सुनील बंसल चलाता था। ईडी ने उन बैंक खातों का पता लगाया, जिनके खातों में भुगतान की गई थी,इस तरह के लगभग डेढ़ दर्जन लोग हैं। इनमें से कुछ बिल्डर्स का काम करते हैं, जबकि कुछ लोग गरीब हैं। सनसिटी अपार्टमेंट में भी मंगलवार को ED के अधिकारियों ने कुछ बिल्डर्स के यहां रेड की थी। सनसिटी अपार्टमेंट में भी मंगलवार को ईडी  के अधिकारियों ने बिल्डर्स के यहां रेड की थी।

ऐसे हुआ था मामले का खुलासा

एचएसवीपी को सूचना मिली कि उनके खाते से कुछ लोगों के खातों में पैसे जा रहे हैं। सूचना मिलने पर तत्कालीन मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी ने आंतरिक जांच कराई। आंतरिक जांच में प्राधिकरण के बैंक खातों की डिटेल ली गई। डिटेल में मिला कि लगभग 72 करोड़ की अदायगी लगभग डेढ़ दर्जन लोगों के खातों में हो रखी है, मगर उनके दस्तावेज प्राधिकरण के पास नहीं हैं।

आंतरिक विजिलेंस जांच भी करवाई

प्राधिकरण की आंतरिक विजिलेंस ब्रांच ने भी जांच की, मगर ज्यादा पता नहीं चल पाया। इसके बाद तत्कालीन मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी ने इसकी सूचना मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दी। मुख्यमंत्री ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके बाद पंचकूला पुलिस को शिकायत दी गई। साथ में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो और ईडी को भी सूचना भेजी गई।

पीएमएलए में 20 स्थानों पर छापेमारी

ईडी की ओर से कहा गया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत चंडीगढ़ और पंचकूला, पंजाब के मोहाली स्थित जीरकपुर और हिमाचल प्रदेश के बद्दी और सोलन में कुल 20 स्थानों पर छापेमारी की गई। जांच-पड़ताल में पाया गया कि विभिन्न लोगों, फर्मों और कंपनियों ने 2015 से 2019 तक HSVP के बैंक खाते का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी से सरकारी धन का लाभ उठाया। इससे सरकारी खजाने को लगभग 72 करोड़ का वित्तीय नुकसान हुआ। पूरे मामले  में ईडी अभी जांच पड़ताल को आगे भी जारी रखते हुए कार्रवाई करने में जुटी हुई है, जिसके कारण इस घोटाले में जुडे़ लोगों को नींद हराम हो चली है।

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