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हरियाणा में लापरवाह 99 जांच अधिकारियों पर गाज के बाद कार्रवाई थम जाने के मामले में गृह मंत्री अनिल विज ने एसीएस को रिमाइंडर भिजवाकर जवाब मांगा। पूरे मामले में जांच औऱ आगे की कार्रवाई को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।

Haryana: लापरवाह 99 जांच अधिकारियों पर गाज के बाद कार्रवाई थम जाने के मामले में गृह मंत्री अनिल विज ने एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव) को रिमाइंडर भिजवाकर जवाब मांगा। पूरे मामले में जांच औऱ आगे की कार्रवाई को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। गृहमंत्री आफिस की ओऱ से इस बारे में एसीएस होम को पत्र लिखकर लापरवाह जांच अधिकारियों में मात्र 99 पर गाज गिराने के बाद कार्रवाई रोक दिए जाने को लेकर जहां विस्तृत ब्योरा देने को कहा है। वहीं, उक्त पूरे मामले में अगर दोषियों की संख्या 372 नहीं थी, तो उक्त रिपोर्ट गलत तैयार करने औऱ सरकार को गुमराह करने वाले पुलिस अफसरों पर क्या कार्रवाई हुई ?

मामले में एसीएस  होम को सौपी गई थी जांच

यहां बता दें कि गृह मंत्री अनिल विज ने एसीएस गृह को पूरे मामले की जांच सौंपी थी, जिसके बाद लापरवाह जांच अधिकारियों के मामले में दूध का दूध, पानी का पानी होने की उम्मीद बंधी थी। साथ ही यह भी तय था कि 372 लापरवाह पुलिस कर्मियों के मामले में रिपोर्ट देने वाले कुछ पुलिस कप्तानों पर शिकंजा कसना तय था। यहां पर यह भी याद रहे कि 13 जिलों में लापरवाही करने वाले 99 अधिकारियों का  निलंबन हो चुका था। गृह मंत्री द्वारा लापरवाह 99 जांच अधिकारियों पर शिकंजा कसने की कार्रवाई उसके बाद में आगे नहीं बढ़ सकी है।

सरकार को मिसलीड करने के कारण दी जांच

गृह मंत्री ने मामले में सरकार को मिसलीड करने को लेकर गृह सचिव को जांच के आदेश दिए थे, क्योंकि पुलिस अफसरों की ओऱ से दावा किया जा रहा है कि लापरवाह जांच अफसरों की संख्या 372 नहीं बल्कि 99 ही थी। विज ने साफ कर दिया कि या तो पहली रिपोर्ट झूठी थी, या अब कार्रवाई करने के बजाय लीपापोती की जा रही है। फिलहाल, यह रिपोर्ट 13 जिलों  तक सीमित थी, क्योंकि बाकी 9 जिलों के एसपी ने साफ कर दिया था कि उनके यहां पर एक साल से ज्यादा वाली एफआईआर में कार्रवाई हो चुकी है। कुल मिलाकर इन जिलों पर भी मंत्री की नजर है। सूत्र बताते हैं कि 372 में 99 के निलंबन के बाद से अफसर बाकी पर कार्रवाई करने के हक में नहीं हैं, क्योंकि जांच अधिकारियों की शार्टेज हो जाएगी। अफसरों ने पहली रिपोर्ट को गलत बता दिया और कहा कि पहली रिपोर्ट में गलती से संख्या 372 बता दी गई थी।

13 जिलों के 372 आईओ में 99 निलंबित

लापरवाही के मामले में पंचकूला में 10 में से 9 पर, पानीपत 3 में से 2 पर, गुरुग्राम में 60 में से 14, फरीदाबाद में 32 में से 13, अंबाला में 30 में से 8, यमुनानगर में 57 में से 6, करनाल में 31 में से 6, हिसार में 14 में से 3, सिरसा में 66 में से 27, जींद में 24 में से 7, रेवाड़ी में 5 में 1, रोहतक में 31 में से 2 और सोनीपत में 9 में से 1 आईओ के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनमें भी डीएसपी स्तर के 9 अधिकारी शामिल हैं।

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