Panipat: पुलिस कप्तान अजीत सिंह शेखावत ने नशा तस्करों के साथ मिलीभगत कर 22 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पानीपत पुलिस की सीआईए-टू के प्रभारी सब इंस्पेक्टर सौरभ, हैड कांस्टेबल उम्मेद व पुनीत और कांस्टेबल दीपक व मनदीप को निलंबित कर दिया। वहीं इनकी विभागीय जांच शुरू करवाई गई है। जांच कार्यवाही पूरी होने पर आरोपियों पर भ्रष्टाचार एक्ट समेत अन्य आरोप में केस भी दर्ज करवाया जाएगा। वहीं, सौरभ पहले एक मामले में भी पद से निलंबित चल रहा है।

पुलिस ने आरोपियों से किया था सौदा

प्राप्त जानकारी के अनुसार पानीपत सीआईए-2 की टीम ने 9 मई को रोहतक जिला के गांव चिड़ी निवासी सुमित उर्फ मोनू को 1.20 किलोग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया था। आरोप है कि सीआईए-2 की टीम ने मामले में आरोपियों से लाखों रुपए वसूल लिए। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने अपने स्तर पर इसकी जांच कराई। प्राथमिक जांच में सामने आया कि सुमित उर्फ मोनू के साथ उसी के गांव का रविंद्र भी अफीम लेकर जा रहा था। उसके पास ढाई किलो अफीम थी। पुलिस ने उसे छोड़ने की एवज में 30 लाख रुपए में सौदा कर लिया और रविंद्र को छोड़ दिया। जबकि, सुमित को गिरफ्तार कर उससे अफीम की बरामदगी कम दिखाई। इसके बाद आरोपियों से पुलिस ने 22 लाख रुपए ले लिए, जबकि 8 लाख रुपए शेष थे।

नशा तस्कर ने पुलिस ने आगे बताई सच्चाई

एसपी शेखावत के आदेश पर चिड़ी गांव निवासी आरोपी रविंद्र को 10 दिन बाद फिर गिरफ्तार किया गया। उसने पूछताछ में पूरा मामला पुलिस की जांच टीम के आगे बता किया। इसके बाद एसपी शेखावत ने जहां सीआईए-टू के प्रभारी सौरभ, हैड कांस्टेबल उम्मेद व पुनीत और कांस्टेबल दीपक व मनदीप को पद से निलंबित कर दिया, वहीं इनकी विभागीय जांच शुरू करवाई है। जांच की कार्यवाही पूरी होने पर आरोपियों पर भ्रष्टाचार एक्ट समेत अन्य आरोप में केस भी दर्ज करवाया जाएगा। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने उपरोक्त मामले की पुष्टी करते हुए बताया कि पांचों की पुलिस विभागीय जांच रिपोर्ट पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

पहले से निलंबित है एसआई सौरभ

चार मई को सीआईए-2 थाने का निरीक्षण करने जिला जज पहुंचे थे, लेकिन इस थाने का मुख्य गेट उनके लिए नहीं खोला गया। मामला संज्ञान में आने के बाद एसपी शेखावत ने सीआईए-टू प्रभारी सब इंस्पेक्टर सौरभ, सब इंस्पेक्टर जयवीर और मुंशी को निलंबित कर दिया था। जबकि, गेट पर तैनात एसपीओ को पुलिस की सेवा से बर्खास्त कर दिया था।