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पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सोमवार को दो राजनीति से जुड़े दो मामले आए। एक में नायब सैनी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने को चुनौती दी गई तो दूसरे में अभय चौटाला को जेड प्लस सुरक्षा के मामले में आंकलन का हवाला दे सरकार ने कुछ समय मांगा 

चंडीगढ़। नायब सैनी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस संधावालिया व जस्टिस लुपिता बनर्जी पर आधारित खंडपीठ ने केंद्र, हरियाणा व विधान सभा स्पीकर,व मुख्य चुनाव आयुक्त को  नोटिस जारी मार्च माह के अंत तक जवाब दाखिल करने के आदेश दिए। अभय चौटाला को जेड़ प्लस सुरक्षा देने के मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने मामलों के आंकलन का हवाला देकर कुछ और वक्त मांगा। जिसके बाद हाईकोर्ट ने बुधवार तक मामले की सुनवाई टाल दी।

नायब सैनी की नियुक्ति को बताया नियमों के खिलाफ 

हाई कोर्ट के वकील जगमोहन सिंह भट्टी द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सैनी की नियुक्ति नियमों के खिलाफ है। याचिका में हरशरण वर्मा बनाम उत्तर प्रदेश व अन्य मामले का हवाला देकर कहा गया कि राज्यपाल अनुच्छेद 164 के तहत किसी ऐसे व्यक्ति को मंत्री पद पर नियुक्त नहीं कर सकते, जो विधानसभा का सदस्य न हो। याचिका में आरोप लगाया गया कि सैनी अभी सांसद हैं और  नियुक्ति में संवैधानिक नियमों की अवहेलना की गई है। याचिका में कहा गया कि सैनी की नियुक्ति नहीं बल्कि इंस्टालेशन (स्थापित करना) की गई है जो संविधान के अनुरूप नहीं है।

…तो 91 हो जाएगी संख्या 

याचिका में आरोप लगाया गया कि सैनी अभी सांसद हैं और हरियाणा विधानसभा के सदस्यों की संख्या 90 है, ऐसे में अगर सदन के नेता के नाते सैनी विधानसभा में उपस्थिति रहते हैं तो यह संख्या 91 हो जाएगी। याचिका में केंद्र सरकार, नायब सिंह सैनी व शपथ लेने वाले सभी पांच मंत्रियों को प्रतिवादी बनाया गया है। सरकार ने कहा कि मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री पद से बल्कि विधानसभा से इस्तीफा भी दे दिया है, ऐसे में अब विधानसभा में 90 सदस्य ही हैं। कोर्ट को कई अन्य मामलों का हवाला देकर भी बताया गया  जहां  विधायक न होते हुए भी मुख्यमंत्री नियुक्त किए गए थे और उन्होने बाद में विधानसभा का चुनाव लड़ा।  हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई मार्च माह के अंतिम सप्ताह तक स्थगित करते  हुए सभी पक्षों को जवाब दायर करने का आदेश दिया।

खतरे व धमकियों का कर रहें हैं आंकलन

इनेलो के प्रधान महासचिव व ऐलनाबाद के विधायक अभय चौटाला ने खुद को मिल रही लगातार धमकियों के मद्देनजर केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा की मांग की है।सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान हरियाणा  सरकार की तरफ से  कोर्ट को बताया गया कि सरकार इस चौटाला को मिल रहीं धमकियां व खतरे का आकलन कर रही है। सरकार ने  कोर्ट से इस मामले में जवाब दायर करने के लिए कुछ समय देने की  मांग की। सरकार के आग्रह पर जस्टिस विकास बहल ने सरकार को बुधवार तक इस मामले में जवाब दायर करने का समय देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। अपनी याचिका में चौटाला ने हाल ही में कुछ गैंगस्टरों द्वारा इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या का भी हवाला दिया है।

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