योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा (Haryana Assembly) में चुनकर आए विधायकों को जल्द से जल्द फ्लैट दिए जाने की कवायद के तहत पुराने नेताओं को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। कुछ समय पहले दिए गए नोटिस में 15 दिनों के अंदर फ्लैट्स खाली करने का वक्त दिया गया था, जिसके बाद में हलचल हुई और काफी संख्या में खाली हो गए। समय सीमा समाप्त होने जा रही है लेकिन कुछ अभी भी जमे हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जो नेता समय सीमा तक फ्लैट्स खाली नहीं करेंगे, उन पर डेढ़ सौ गुणा के हिसाब से किराया वसूली की जाएगी।
हरियाणा विस में विधायकों की संख्या 90
सूबे में विधायकों की कुल संख्या 90 है। विधायकों को फ्लैट की व्यवस्था है, जबकि मंत्रियों और मुख्यमंत्री के लिए कोठियों की व्यवस्था होती है। इस बार आंकड़ों पर नजर डालें तो 13 मंत्रीगण व एक सीएम हैं। इसके अलावा हरियाणा विस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को कोठी अलाट की जाती है। इसी प्रकार से मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप ) को भी कोठी दी जाती है। इसी क्रम में नेता विपक्ष के पास भी कैबिनेट रैंक होता है। अभी तक सेक्टर 7 में 70 नंबर कोठी पूर्व सीएम और नेता विपक्ष रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hooda) के पास हैं। लेकिन इस बार नेता विपक्ष का चुनाव कांग्रेस ने अभी तक नहीं किया है।
15 दिसंबर तक खाली करनी होगी कोठी
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को कोठी खाली करने का नोटिस जारी कर दिया गया है। माना जा रहा है कि पूर्व नेता विपक्ष 15 दिसंबर तक सेक्टर सात वाली कोठी नंबर 70 को खाली कर देंगे। इस तरह से हरियाणा में 15वीं विधानसभा के लिए चुनकर आए विधायकों के लिए फ्लैट की व्यवस्था की जा रही है। 14वीं विधानसभा में विधायक रहे और इस बार हार चुके विधायकों को फ्लैट्स खाली करने के लिए पिछले माह ही नोटिस दिए गए थे। अगर समय रहते अर्थात 12 दिसंबर तक फ्लैट्स खाली नहीं होते तो इसके बाद भारी जुर्माना देना होगा।
चंडीगढ़ प्रशासन और कुछ हरियाणा के फ्लैट्स
विधायकों के लिए कुछ फ्लैट्स चंडीगढ़ प्रशासन के हैं। वैसे, हरियाणा विस की हाउस कमेटी पूरे मामले को देखती है, जिसके चेयरमैन डिप्टी स्पीकर होते हैं। कुल मिलाकर विस के पास 66 फ्लैट हैं। क्योंकि 13 मंत्रियों व सीएम, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, नेता विपक्ष, चीफ व्हिप की संख्या कम कर लें, क्योंकि इनको कोठियां अलाट की जाती हैं। इस तरह से नए जीतकर आने वालों के लिए पुरानों को आवास खाली करने होंगे। यहां पर बता दें कि किराए के लिहाज से कुल तीन श्रेणियों के फ्लैट्स हैं। मरम्मत और बाकी खर्च सरकार को उठाना पड़ता है। 66 फ्लैट्स में 60 संख्या यूटी अंतर्गत आते हैं, जिसमें से 22 फ्लैट्स हरियाणा विधायकों को अलॉट किए जाते हैं। जिनका मासिक किराया 375 रुपए निर्धारित किया गया है।
दूसरी श्रेणी में 12 फ्लैट्स
दूसरी श्रेणी के फ्लैट्स में हरियाणा के अधीन 61 से लेकर 72 तक कुल 12 फ्लैट्स है। जिनमें मोटर गैराज की सुविधा नहीं और मासिक किराया एक हजार है। तीसरी श्रेणी हरियाणा के ही अधीन संख्या 101 से लेकर 308 तक 32 फ्लैट्स हैं। जिनका मासिक किराया एक हजार और मोटर गैराज शुल्क 200 रुपए है। इस तरह 1200 रुपए देने पड़ते हैं। नोटिस के बाद में निवर्तमान विधायकों को आवास 15 दिन के भीतर खाली करना होगा वरना मासिक किराए से डेढ़ सौ गुना ज्यादा फाइन जमा करवाना पड़ेगा।
विधानसभा भंग होने के बाद 15 दिन का वक्त
विधानसभा भंग होने के बाद अगले 15 दिन के अंदर-अंदर सभी दलों के निवर्तमान विधायकों को आवास खाली करने के अलावा कई तरह की अन्य सुविधाओं के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होती। इस बारे में विधानसभा सचिवालय की तरफ से आदेश भी जारी कर दिया है। आदेश में साफ किया गया कि 15 दिन के अंदर-अंदर सभी पूर्व विधायक सरकारी आवास का किराया जमा करा दें।
जजपा दफ्तर पर लटकी तलवार
जजपा का दफ्तर भी एमएलए फ्लैट में चल रहा है। बताया गया कि जजपा का दफ्तर खाली करने को लेकर भी नोटिस दिया गया है। करारी हार और एक भी सीट नहीं आने के कारण जननायक जनता पार्टी का कार्यालय खाली होने की नौबत आ गई है। जजपा नेताओं ने इसे प्रदेश कार्यालय बनाया था। एक दौर में यह इनेलो का प्रदेश आफिस हुआ करता था। यह फ्लैट पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) की माता नैना चौटाला को अलॉट किया गया था। नैना 2019 से 2024 तक बाढ़डा विधायक थी। इस बार जजपा का कोई भी विधायक नहीं बना, इसलिए सभी को खाली करने के नोटिस दिए गए हैं।