Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अनियमितता मामले पर आज सोमवार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकारी ने माना कि उन्होंने मतपत्रों से छेड़छाड़ की। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुनवाई शुरू होते ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेयर ने इस्तीफ़ा दे दिया है, जिसके बाद आप ने कहा कि रिटर्निंग अफसर ने जिन बैलट पर निशान लगाए, उन्हें सही मानते हुए गिनती हो। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पहले दोबारा चुनाव की मांग की गई थी। हालांकि, इसके बाद शीर्ष अदालत ने मंगलवार को मतपत्रों को जांच के लिए अपने पास लाने को कहा है। अदालत ने कहा कि वह मतपत्रों की जांच के बाद इस मुद्दे पर कल यानी मंगलवार को फैसला करेगी।
रविवार को मेयर ने दिया इस्तीफा
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले चंडीगढ़ नगर निगम में एक नया सियासी मोड़ देखने को मिला। दरअसल, चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले यानी रविवार को भारतीय जनता पार्टी के मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ के मेयर पद से इस्तीफा दे दिया था। इसकी जानकारी देते हुए चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने कहा था कि मनोज सोनकर ने नगर निगम आयुक्त को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस बीच रविवार को ही आप के तीन पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावत और गुरचरण काला ने बीजेपी का हाथ थाम लिया।
आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
चंडीगढ़ के मेयर मनोज सोनकर के इस्तीफे और आप के तीन पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने पर आम आदमी पार्टी ने प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में एक तरफ देश की सबसे छोटी राजनीतिक पार्टी AAP का उम्मीदवार है तो दूसरी तरफ दुनिया की सबसे बड़े राजनीतिक दल बीजेपी का उम्मीदवार है। उन्होंने कहा कि दुनिया भाजपा की सत्ता की लालच देख रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने किया स्वागत
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के साथ आप के तीनों पार्षदों का पार्टी में स्वागत किया और कहा कि पार्षदों को पूर्ण मान-सम्मान मिलेगा, उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक तीनों पार्षद तीन दिन से बीजेपी के संपर्क में थे। तीनों ने पार्षदों ने आम आदमी पार्टी से नाखुशी का हवाला देते हुए भाजपा का हाथ थाम है।
ये भी पढ़ें:- SC में सुनवाई से पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर घमासान
ये है पूरा मामला
बता दें कि चंडीगढ़ मेयर का चुनाव 30 जनवरी को हुआ था। चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस-AAP अलायंस को झटका देते हुए मेयर सीट पर कब्जा किया था। वोटों की गिनती के दौरान बीजेपी के मनोज सोनकर को 16 वोट मिले थे, वहीं, AAP-कांग्रेस गठबंधन के कुलदीप ढालोर को 12 वोट मिले थे। जबकि प्रीसाइडिंग ऑफिसर द्वारा कुल 36 वोटों में से आठ अवैध घोषित किए गए थे। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने चुनाव में प्रीसाइडिंग ऑफिसर अनिल मसीह पर कथित तौर पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी भी जताई थी। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली मामले में आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। लेकिन उससे पहले ही आप के तीन पार्षदों को बीजेपी ने अपने पाले में कर चुनाव का पूरा समीकरण ही बदल दिया है। बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं, जबकि एक सांसद का वोट मिलकर 36 वोट डाले जाते हैं। इस तरह बहुमत का आंकड़ा 19 बैठता है। आप के तीन पार्षदों के शामिल होने के बाद BJP के पास कुल 19 वोट हो गए, जबकि AAP और कांग्रेस गठबंधन के पास 17 वोट रह गए हैं।