Jind: जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में आने वाले मरीजों को अब चिकित्सकों की उपलब्धता की जानकारी मुख्य गेट पर ही मिल जाएगी। अस्पताल प्रबंधन ने इसके लिए एक बोर्ड तैयार करवाया है। जिस पर चिकित्सकों की प्रतिदिन की उपस्थिति दर्शाई जाएगी, ताकि मुख्य गेट से ही अस्पताल में आने वाले मरीजों व तीमारदारों को पता लग जाए कि उनकी बीमारी से संबंधित चिकित्सक अस्पताल में उपलब्ध है या नहीं। उन्हें ओपीडी की लंबी लाइनों में लग कर चिकित्सकों की उपलब्धता का इंतजार नहीं करना होगा।
चिकित्सकों की है कमी, चिकित्सक उपलब्ध न होने पर बढ़ जाती है परेशानी
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय पर इस समय 200 बेड का नागरिक अस्पताल है और यहां 55 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं जबकि यहां पर केवल 27 चिकित्सक ही काम कर रहे हैं। चिकित्सकों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं अक्सर प्रभावित होती हैं। इसके अलावा प्रतिदिन कहीं कोई स्वास्थ्य कैंप तो कभी दिव्यांग कैंप के लिए चिकित्सकों को जाना पड़ता है। जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी होती है। मरीजों व उनके तिमारदारों को पता ही नहीं चल पाता कि अस्पताल में उनके उपचार से संबंधित चिकित्सक है या नहीं।
नई बिल्डिंग के मुख्य गेट पर लगाया बोर्ड
नागरिक अस्पताल की नई बिल्डिंग में मुख्य दरवाजे के साथ ही चिकित्सकों की उपलब्धता को लेकर बोर्ड लगा दिया है। मंगलवार को इसकी शुरूआत हुई। अस्पताल में आने वाले मरीजों को इस बोर्ड से पता चल जाएगा कि कौन-कौन चिकित्सक उपलब्ध है या नहीं। इससे अब मरीज अस्पताल में ओपीडी काउंटर पर लंबी लाइनों में लगने से बचेंगे।
चिकित्सकों व स्टाफ की कमी के चलते नहीं शुरू हो पा रहा आईसीयू
नगारिक अस्पताल में चिकित्सकों और स्टाफ की कमी है। अस्पताल में आईसीयू बन कर तैयार है लेकिन स्पेशलिस्ट और स्टाफ की कमी के चलते शुरू नहीं हो पा रहा है। ऐसे में यदि किसी सर्जन, महिला रोग विशेषज्ञ या फिजिशियन की ज्वाइनिंग होती तो लोगों को और अधिक लाभ होता। वहीं नागरिक अस्पताल में पिछले 16 साल से किसी भी रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं हुई है। बिना रेडियोलॉजिस्ट के कारण जिले के लोगों को निजी अस्पतालों में महंगी फीस पर अल्ट्रासाउंड करवाने पड़ रहे हैं।
चिकित्सकों की उपलब्धता को लेकर बोर्ड लगवाया : सीएमओ
नागरिक अस्पताल के सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल ने बताया कि अस्पताल में चिकित्सकों की उपलब्धता को लेकर बोर्ड लगवा दिया है। इस बोर्ड पर प्रतिदिन चिकित्सकों की उपलब्धता दर्शाई जाएगी ताकि लोगों को ओपीडी की लाइन में खड़ा होने पर नंबर आने के बाद यह पता न चले कि चिकित्सक है या नहीं। अस्पताल में मरीजों की सहायता के लिए यह बोर्ड लगाया गया है।