Haryana: मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 20 साल से सरकारी विभागों, बोर्डों, नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका की भूमि पर बनी दुकानों व मकानों पर काबिज लोगों को मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत मालिकाना हक प्रदान करने के आवेदनों पर तत्परता से कार्य करें। संजीव कौशल इस संबंध में बुलाई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
स्टेट नोडल अधिकारी पद किए जा चुके नामित
बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल को अवगत करवाया कि योजना के तहत हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्टेट नोडल अधिकारी पद नामित किए जा चुके हैं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बाकी बचे महकमों के निदेशक या महानिदेशक इस सम्बन्ध में स्टेट नोडल अधिकारी होंगे, क्योंकि उन्होंने निर्णय लेने में देरी की है।
901 आवेदनों का निर्णय लंबित, 99 को मिली अनुमति
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि अब तक 99 आवेदनों के सम्बन्ध में मालिकाना हक देने की अनुमति दे दी गई है, जबकि 901 आवेदनों पर निर्णय लम्बित है। संजीव कौशल ने सख्त निर्देश दिए कि हर विभाग को लंबित आवेदनों पर 15 दिन में फैसला लेना होगा और यदि इस अवधि में निर्णय नहीं लिया जाता तो जिस विभाग की भूमि है, उसके जिला स्तर के अधिकारी का फैसला मान्य होगा।
मुख्य सचिव कार्यालय में भेजनी होगी रिपोर्ट
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव इस सम्बन्ध में सभी संबंधित विभागों से नियमित तौर पर बैठक करेंगे और मुख्य सचिव कार्यालय को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे। इसके अलावा, वे रद्द किए गए सभी मामलों का अध्ययन भी करेंगे और सूचित करेंगे कि निरस्तीकरण उचित था या नहीं। बैठक में कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।