Nuh: सहसोला में रेलवे निर्माण साइट पर मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों व पुलिस के बीच बुधवार को तीखी नोंकझोंक देखने को मिली। पुलिस जहां धरना स्थल से लोगों को उठाने का प्रयास कर रही थी, वहीं किसान अपनी मांग पर डटे हुए थे। ऐसे में दोनों के बीच धक्का मुक्की व गाली गलौच तक हुई। मामला बढ़ता देख बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए, वहीं स्थिति को संभालने के लिए एसडीएम मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को आश्वासन दिया। करीब तीन घंटे किसान व पुलिस के बीच गतिरोध चलता रहा।

ग्रामीणों ने पुलिस पर महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार का लगाया आरोप

धरने पर बैठे ग्रामीणों ने पुलिस पर महिला और किसानों के साथ खुलकर गाली गलौज, धक्का मुक्की करने का आरोप लगाया। साथ ही एसडीएम के सामने ही किसानों ने फिर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान निर्माण कंपनी के कर्मचारी और अधिकारियों को मौके पर बुलाया गया, जिनके समक्ष एसडीएम ने किसानों से काम नहीं रोकने का आह्वान किया। वहीं, किसान नेता ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अपनी समस्याओं और पक्ष अधिकारियों के समक्ष रखा। करीब तीन घंटे तक किसानों और प्रशासन के बीच गहमा गहमी चलती रही। फिर किसानों ने एक दिन का समय देते हुए शांतिपूर्वक धरने की बात कही।

प्रशासन का सकारात्मक रूख नहीं रहा तो फिर देंगे धरना

किसान नेता ने कहा कि प्रशासन की ओर से सकारात्मक रुख नहीं अपनाया गया तो रेलवे निर्माण को फिर से बाधित किया जाएगा। उन्होंने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों और महिलाओं के साथ पुलिस का व्यवहार गलत था, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसडीएम ने किसानों की मांगों को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है। जल्द कोई समाधान होने की उम्मीद है।

कंट्रोल रूम के माध्यम से मिली थी धरने की सूचना

नवनियुक्त थाना प्रभारी जितेंद्र ने कहा कि रेलवे निर्माण साइट पर धरना दे रहे किसानों द्वारा काम बाधित करने की सूचना कंट्रोल रूम के माध्यम से मिली थी। जिसके बाद वह धरना स्थल पर पुलिस बल के साथ पहुंचे। जहां धरना दे रहे किसानों से निर्माण को नहीं रोकने का आह्वान किया था। इसको लेकर कुछ गतिरोध जरूर हुआ था, लेकिन पुलिस की ओर से धक्का मुक्की व गाली गलौज की बातें निराधार हैं। पुलिस ने कानून के दायरे में स्थिति को नियंत्रण किया था।

5 किलोमीटर लंबी बनाई जानी है सुरंग

बता दे कि केएमपी के साथ प्रस्तावित ऑर्बिटल रेलवे लाइन के लिए करीब 5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जानी है। जिन गांवों के किसानों की भूमि से सुरंग बनाई जानी है, वह मुआवजे की मांग कर रहे हैं। लेकिन रेलवे बोर्ड की ओर से कोई मुआवजा नहीं दिया गया। किसान अपनी मांगों को लेकर गत वर्ष 29 दिसंबर से धरना दे रहे हैं। दो दिन पहले किसानों ने धरना स्थल का स्थान बदल निर्माण साइट पर धरना देते हुए काम बंद कराया था। इसी को लेकर प्रशासन और किसानों के बीच बुधवार को गतिरोध हो गया।