Fatehabad: बड़ोपल में केन्द्रीय विद्यालय बनने का रास्ता अब साफ हो गया है। जिलाधीश कोर्ट ने विद्यालय के निर्माण पर लगे स्टे को भी हटा दिया है। गांव बड़ोपल में केंद्रीय विद्यालय बनाने के लिए 2012 में ग्राम पंचायत ने 8 एकड़ जमीन केवीएस को दी थी। इसमें से दो एकड़ जमीन पर कुछ परिवारों ने दावा करते हुए अदालत की शरण ले ली, जिस कारण विद्यालय निर्माण का काम अटक गया था। मंगलवार को जिलाधीश एवं उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने लघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कोर्ट में बड़ोपल गांव के भूमि संबंधी इन मामलों की सुनवाई करते हुए ग्राम पंचायत बड़ोपल के हक में फैसला किया।
मामला केंद्रीय विद्यालय के निर्माण कार्य से था जुड़ा
बता दें कि दोनों मामले केंद्रीय विद्यालय के निर्माण कार्य से भी जुड़े हुए है। फैसले के उपरांत गांव में केंद्रीय विद्यालय बनाने का रास्ता लगभग अब सही हो गया है। न्यायालय में दायर केस में अपील कर्ता की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र ठक्कर जबकि उतरवादी ग्राम पंचायत की ओर से अधिवक्ता महेंद्र कुमार बागड़िया पेश हुए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत तथ्यों के आधार पर दी गई अपील को खारिज कर दिया और इसके साथ ही इस जमीन पर केंद्रीय विद्यालय के निर्माण पर लगा स्टे भी हट गया है।
ग्राम पंचायत ने केवीएस को 2012 में दी थी 8 एकड़ जमीन
गांव बड़ोपल में केंद्रीय विद्यालय बनाने के लिए पंचायत ने 2012 में आठ एकड़ जमीन केवीएस को दे दी थी। इसमें से दो एकड़ जमीन पर कुछ परिवारों ने दावा करते हुए कोर्ट में 2016 में केस दायर किया, जिसे हाई कोर्ट ने नवंबर 2023 में रद्द कर दिया। इसी प्रकार उपायुक्त न्यायालय में दायर केस में सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की बहस सुनने उपरांत तथ्यों के आधार पर ग्राम पंचायत बड़ोपल के हक में फैसला सुनाया गया।
पुराने भवन में चल रहा है केवीएस
गांव बड़ोपल के चिंदड़ मोड पर राजकीय प्राथमिक पाठशाला के पुराने भवन में केंद्रीय विद्यालय संचालित हो रहा है। स्कूल का भवन बनने के बाद करीब 1500 से अधिक विद्यार्थियों के पढ़ने की व्यवस्था हो जाएगी। फिलहाल कक्षाओं के सेक्शन नहीं बने हुए। यह व्यवस्था भवन निर्माण होने के बाद ही होगी। एक कक्षा के कम से कम दो सेक्शन होंगे। वहीं 11वीं व 12वीं के लिए आर्ट, कामर्स, मेडिकल व नॉन मेडिकल के भी दो से अधिक सेक्शन प्रस्तावित हैं।