चंडीगढ़। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को बाढ़ राहत कार्यां की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दो टूक कहा कि यदि इस बार बाढ़ से पहले जैसी स्थिति बनी तो जिम्मेदार अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। अधिकारी हर हाल में 30 जून तक बाढ़ से बचाव की सभी तैयारियों को पूरा कर ले तथा इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। अधिकारी बाढ़ से बचाव के लिए होने वाले प्रत्येक कार्य की दैनिक रिपोर्ट संबंधित गांव के सरपंच के साथ वीडियो बनाकर पोर्टल पर अपलोड करें। जिसकी मॉनिटरिंग वह स्वयं करेंगे।

320 हॉटस्पॉट चिन्हित और अब तक 44 स्कीमें हुई पूरी

बैठक के दौरान बताया गया कि बाढ़ संभावित 320 हॉटस्पॉट चिन्हित किये गए थे और शॉर्टटर्म स्कीमें तैयार की गई थीं। पर अब तक केवल 44 स्कीमें पूरी हुई हैं तथा 179 स्कीमों पर कार्य चल रहा है।

रजवाहों व नालों के तटबंध मजबूत बनाने के निर्देष

मुख्यमंत्री ने कहा कि रजवाहों व नालों के तटबंधों को मजबूत करने के लिए मिट्टी भराई का काम  तत्काल शुरू करें । क्योंकि 15 जून के बाद धान रोपाई  शुरू  हो जाएगी और खेतों में  पानी भरा होने के कारण मिट्टी उठाने के कार्य  में दिक्कत आएगी। और उस समय जमींदार के खेत भी खाली नहीं होंगें। इस समस्या से बचाव के लिए जल्द से जल्द तटबंधों में मिट्टी भर कर मजबूत बनाने के निर्देष दिए।

13 जून को लेंगें जायजा

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि बुधवार को ही सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव, विभाग के आयुक्त एवं सचिव व सलाहकार कुरुक्षेत्र व कैथल जिलों के बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा कर  उसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे।  उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि बाढ़ रोकथाम को लेकर की जा रही तैयारियां लोगों को धरातल पर नजर आनी चाहिए और वे स्वयं 13 जून को तैयारियों का जायजा लेंगे।

ये रहे मौजूद

इस बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री वीएसएन प्रसाद, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह, सलाहकार बीबी भारती, विभाग के तीनों अभियंता प्रमुख, सर्कल अभियंता व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।