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हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की पुरानी या ऐसी संपत्तियां, जो वर्तमान में उपयोग में नहीं लाई जा रही हैं, उनके मुद्रीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

Haryana: हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की पुरानी या ऐसी संपत्तियां, जो वर्तमान में उपयोग में नहीं लाई जा रही हैं, उनके मुद्रीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस कदम से एक ओर बोर्ड की आय में वृद्धि होगी तो वहीं प्राप्त राजस्व से मंडियों के आधारभूत ढांचा को और मजबूती मिलेगी। सीएम मनोहर लाल वर्तमान में अनुपयोगी तथा खाली पड़े प्लॉट की नीलामी के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बोर्ड के पास 35 स्थानों पर अनुपयोगी प्लॉट व संपत्तियां 

बैठक के दौरान सीएम को बताया कि बोर्ड के पास 35 स्थानों पर अनुपयोगी प्लॉट या संपत्तियां जैसे पुराने कार्यालय भवन और स्टाफ क्वार्टर हैं, जिन्हें नीलाम किया जाना है। मनोहर लाल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कई शहरों में अब मंडियां शहरों से बाहर शिफ्ट हो चुकी हैं, इस कारण बोर्ड की पुरानी व ऐसी अन्य संपत्तियों का एक पोर्टल बना कर उनकी जानकारी अपलोड की जाए। इसके बाद उनकी नीलामी की जाएगी। इससे इन संपत्तियों का उचित उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा और बोर्ड को भी अतिरिक्त आय प्राप्त होगी।

नीलामी के लिए संपत्तियों का आरक्षित मूल्य रखा जाए वाजिब

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि संपत्तियों की नीलामी हेतु आरक्षित मूल्य वाजिब रखा जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग नीलामी में भाग ले सकें। आगामी 6 माह में लगभग साढ़े 500 करोड़ रुपए राजस्व जुटाने का लक्ष्य बैठक में बताया गया कि बोर्ड के पास कुल 37,364 प्लॉट हैं, जिनमें से 23,206 प्लॉट नीलामी या आवंटित किए जा चुके हैं। अभी 14,158 प्लॉट खाली पड़े हैं, जिनकी बोर्ड ने आगामी 6 माह के लिए नीलामी की रूपरेखा तैयार की है।

प्रदेश के इन जिलों में पड़ी है संपत्तियां 

अधिकारियों के अनुसार सोनीपत, कनीना, अंबाला कैंट, रेवाड़ी (बिथवाना व बावल), असंध, होडल, टोहाना, राजौंद, उचाना, बेरी, सेब मंडी पिंजौर, खेड़ी चोपटा, खाण्डा खेड़ी, छात्तर, अरनौली, भागल, बाबा लाडला, मुरथल, झांसा, ठोल, छिछराना, निजामपुर इत्यादि की नई सब्जी मंडी व अनाज मंडियों में प्लॉट की नीलामी की जाएगी, जिससे लगभग 150 करोड़ रुपए का राजस्व आने की संभावना है। इसके अलावा, मार्केट कमेटियों की अनुपयोगी संपत्तियों की बिक्री से 50 करोड़ रुपए, विभिन्न स्थानों पर पेट्रोल पंप स्थल की बिक्री से लगभग 30 करोड़, वर्तमान मंडियों में शेष प्लॉटों की बिक्री से लगभग 300 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने की योजना है।

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