Haryana: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि नैतिकता का सबसे बड़ा गुण संवेदनशीलता भी है इसलिए हम सभी को समाज के अभावग्रस्त और पीड़ित लोगों के प्रति संवेदनशीलता रखते हुए काम करना होगा, ताकि हम स्वयं को एक आदर्श के रूप में स्थापित कर सकें। सीएम बुधवार को हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में हिपा द्वारा प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के लिए आयोजित नैतिकता शिविर को बतौर मुख्यातिथि के तौर पर सम्बोधित कर रहे थे।

प्रदेश के 2 लाख कर्मचारी हो चुके लाभांवित

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि  हिपा द्वारा आयोजित इस मिशन कर्मयोगी हरियाणा अभियान के तहत अभी तक प्रदेश के करीब 2 लाख कर्मचारी लाभान्वित हो चुके हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिकारी और कर्मचारियों के दृष्टिकोण को सही दिशा में ले जाना है ताकि हरियाणा प्रदेश को भी विकास की सही दिशा में ले जाया जा सके। अपनी सोच और दृष्टिकोण को बदलकर ही नैतिकता के रास्ते पर चला जा सकता है। भ्रष्टाचार और अनैतिकता इसमें सबसे बड़ी रुकावट है। हमें स्वयं को अगर आदर्श के रूप में स्थापित करना है तो सोच और दृष्टिकोण बदलकर दूसरों को भी बदलना होगा।

विकसित भारत के संकल्प को करना है साकार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से 2047 तक विकसित भारत की कल्पना की है, उन्होंने स्वयं से लेकर आमजन तक इस कल्पना को ले जाने का काम किया है। क्योंकि समाज में नैतिकता के आने से ही इसकी कल्पना को साकार किया जा सकता है। आगामी 31 मार्च तक सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस मिशन कर्मयोगी अभियान के तहत नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा। दो साल में दोबारा इसका दूसरा चरण भी रखा जाएगा, क्योंकि इससे शिद्दता और स्वच्छता आएगी। जब वातावरण में शुद्धता आती है तो वातावरण ठीक हो जाता है। इसी तरह हमें अपने विचारों को  भी ठीक करना है ताकि फील्ड में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी भी शुद्धता के साथ जनसेवा के लिए कार्य करें।

रिमोट दबाकर 40 एवी बूस्टर प्रेरक वचन का किया शुभारंभ

सीएम मनोहर लाल ने 40 एवी बूस्टर नामक प्रेरक वचन का रिमोट दबाकर शुभारंभ किया। यह प्रेरक वचन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ-साथ स्वामी ज्ञानानंद महाराज व अन्य विद्वानों के प्रेरक वचन होंगे, जो प्रदेश के सभी कर्मचारियों तक पहुंचाए जाएंगे। सीएम ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नित्य रूप से गीता का पाठ करते हैं। उन्होंने भी कर्म योगी बनने के सिद्धांत को सोच और दृष्टिकोण को बदलने के लिए कहा है इसलिए हम सबको स्वार्थ छोड़कर पुरुषार्थ और परमार्थी बनना चाहिए।