कांग्रेस की CLU गैंग: भूमि घोटाले के कारण हरियाणा में कांग्रेस की वापसी में रोड़ा, करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव में खरीदा

Congress CLU Gang: विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही हरियाणा में चुनावी गर्मी बढ़ने लगी है।विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को मतदान व 8 अक्टूबर को मतगणना होगी। हरियाणा में एक दशक से भाजपा की सरकार है। भाजपा जीत की हैट्रिक बनाने और कांग्रेस वापस की कोशिश कर रही है, मगर कांग्रेस शासन में हुए भूमि घोटाले राह मुश्किल कर रहे हैं।
हुड्डा सरकार में हुए कई घोटाले
हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान कई ऐसे घोटाले सामने आए, जिनमें गरीबों और कमजोर वर्गों के हितों की अनदेखी करते हुए कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे। इस शासनकाल में कई भूमि अधिग्रहण और संसाधन वितरण में अनियमितताओं की खबरें आईं, जो पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
कांग्रेस की CLU गैंग ने किसानों को सेक्शन 4 और 6 का डर दिखा उनकी करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव में खरीद पार्टी के दामाद जी को खुश किया।
— Haryana BJP (@BJP4Haryana) September 3, 2024
भूपेंद्र हुड्डा जी हरियाणा का किसान आपके उस अत्याचार को कभी नहीं भूलेगा।#हुड्डा_का_CLU_स्कैम pic.twitter.com/1Vz56tm4R0
हरियाणा की कांग्रेस कार्यकाल के घोटाले
- आईएमटी मानेसर घोटाला
- रिलायंस इंडस्ट्री घोटाला
- गुड़गांव एम्यूजमेंट पार्क घोटाला
- डीएलएफ को वजीराबाद जमीन की बिक्री
- स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी घोटाला
- राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट जमीन घोटाला
- रोहतक जमीन घोटाला
- उल्लाहवास जमीन घोटाला
- कुरुक्षेत्र, 326 कनाल जमीन घोटाला
- पंचकूला औद्योगिक भूखंड आवंटन घोटाला
- 23413 एकड़ जमीन की बिक्री
- नाला घोटाला
गरीबों की जमीनें, ताकतवर लोगों के फायदे
कांग्रेस सरकार के दौरान एक पैटर्न देखने को मिला जिसमें कमजोर वर्गों और गरीब किसानों की जमीनें छीनकर प्रभावशाली लोगों और बड़े निगमों को फायदा पहुंचाया गया। उदाहरण के तौर पर, मानेसर के आईएमटी घोटाले में 912 एकड़ जमीन को संदिग्ध तरीके से अधिग्रहित किया गया। यह मामला इस बात का उदाहरण है कि किस तरह से पारदर्शिता की अनदेखी कर लोगों की संपत्तियों को हथियाया गया।
अनुसूचित जाति के लिए आवासीय भूखंड आवंटन घोटाला
अनुसूचित जाति के लिए निर्धारित आवासीय भूखंडों में भी धांधली का मामला सामने आया। जहां एक ही परिवार के 129 सदस्यों को गलत तरीके से आवंटन किया गया। यह घोटाला संसाधनों के दुरुपयोग और सत्ता के प्रभाव का उदाहरण है, जहां सरकार द्वारा कमजोर वर्गों के अधिकारों का हनन किया गया।
पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जा
पानीपत के नामरहा गांव में पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया, जिससे स्थानीय समुदायों की समस्याएं और बढ़ गईं। यह घटना बताती है कि कैसे कांग्रेस शासन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों का दुरुपयोग किया गया और लोगों के अधिकारों की अनदेखी की गई।
ये भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चौकसी: 14 करोड़ की अवैध शराब, मादक पदार्थ, नकदी व अन्य कीमती वस्तुएं जब्त
रिलायंस इंडस्ट्री और अन्य भूमि घोटाले
कांग्रेस शासन में रिलायंस इंडस्ट्री से जुड़े घोटाले में झज्जर-गुड़गांव क्षेत्र में 25,000 एकड़ जमीन को बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर बेचा गया। इसी तरह वजीराबाद में डीएलएफ को जमीन की बिक्री, मनोरंजन पार्क घोटाला और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी घोटाले ने कांग्रेस शासन में भूमि के दुरुपयोग को और उजागर किया।
रोजगार में पक्षपात और भ्रष्टाचार
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के दौरान नौकरी के अवसरों का भी विशेष समुदाय के प्रति झुकाव दिखा। "खर्ची -पर्ची" जैसी प्रणाली के तहत ऊंची बोली लगाने वालों को नौकरी मिलती थी और इसमें मुख्य रूप से पसंदीदा समुदाय को लाभ पहुंचाया गया। इस प्रकार की व्यवस्था ने अन्य समुदायों के लोगों को रोजगार से वंचित कर दिया, जिससे उनके बीच असमानता और निराशा की भावना बढ़ी।
कानून और न्याय की अनदेखी
कांग्रेस शासन के दौरान एक समुदाय को विशेष अधिकार दिए गए। जिससे उनके खिलाफ किसी भी कानूनी कार्रवाई की संभावना कम हो गई। यह स्थिति अन्य समुदायों के लिए डर और असुरक्षा की भावना को बढ़ाती गई। इस दौरान कई लोग न्याय पाने में असमर्थ रहे और उनकी सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े हुए।
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS