नरेन्द्र वत्स, रेवाड़ी: गुरुग्राम सीट से वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैप्टन अजय सिंह यादव का टिकट कटने के बाद हाईकमान के समक्ष अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए चुनाव प्रचार से खुद को अलग रखने की बात कह चुके हैं। उनके बेटे कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव चिरंजीव राव ने समर्थकों की बैठक में खुलकर नाराजगी तो जताई, लेकिन समर्थकों को पार्टी प्रत्याशी राज बब्बर की खुलकर मदद करने का संदेश भी दिया। राव ने कहा कि समर्थकों को पूरे प्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशियों की खुलकर मदद करनी चाहिए, ताकि संविधान का गला घोंटने का प्रयास कर रही भाजपा को सत्ता में आने से रोका जा चुके।
कांग्रेस हाईकमान के प्रति जाहिर की नाराजगी
राज बब्बर को टिकट मिलने के बाद चिंरजीव राव गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र के अधीन आने वाले कई हलकों के साथ बैठक करते नजर आए। कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस हाईकमान के प्रति जमकर गुस्सा उतारा। समर्थकों ने कहा कि इस बार अगर कैप्टन को टिकट मिलती, तो उनकी जीत निश्चित थी। चिरंजीव ने समर्थकों को शांत करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कड़ी मेहनत करने के बाद भी उनके पिता को टिकट से वंचित रख दिया। उनके पिता ने पूरे लोकसभा क्षेत्र में साढ़े 400 से अधिक गांवों का दौरा करते हुए जनसंपर्क अभियान तेज किया हुआ था। अगर पार्टी उन्हें टिकट देती, तो हर हाल में उनकी जीत होती। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि वह अपने परिचितों और रिश्तेदारों को प्रदेश के दूसरे हलकों में कांग्रेस प्रत्याशियों की मदद के लिए तैयार करें।
बाहरी होने पर राज बब्बर का बचाव
कैप्टन अजय सिंह यादव खुद राज बब्बर को बाहरी होने की बात कह चुके हैं। भाजपा प्रत्याशी ने भी जब उन्हें बाहरी बताना शुरू कर दिया है, तो चिरंजीव राव राज बब्बर के बचाव में खुलकर सामने आए। उन्होंने कहा कि राज बब्बर का इस क्षेत्र से पुराना नाता रहा है। उन्हें बाहरी बताने वाले भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह तो लोकल होते हुए भी चुनाव जीतने के बाद कभी जनता के बीच नहीं आते।
देखने को मिलेगा मेहनत का परिणाम
चिरंजीव राव ने कहा कि कैप्टन अजय सिंह यादव ने गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र में जो मेहनत की है, उसका परिणाम राज बब्बर की जीत के रूप में देखने को मिलेगा। बाहर होने के कारण वह कार्यकर्ताओं के बीच नहीं आए, लेकिन उनके समर्थक कांग्रेस प्रत्याशी का खुलकर साथ देने के लिए तैयार हैं। देखना यह है कि आने वाले समय में कैप्टन की मेहनत का परिणाम आखिर किस रूप में देखने को मिलता है।