Cow attack in Kurukshetra: कैटल फ्री हरियाणा में शनिवार सुबह कुरूक्षेत्र की पेटल नगर कॉलोनी में घर के बाहर खड़े बेसहारा पशुओं के झुंड में से एक गाय ने वृद्ध महिला पर हमला कर दिया। कुछ लोगों ने महिला को गाय से बचाने का प्रयास किया, परंतु सफल नहीं हो पाए। गाय महिला को तब तक मारती रही, जब तक महिला की जान नहीं चली गई। घटना का पता चलने के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे तथा पशुओं को झुंड को वहां से भगाया, परंतु तब तक काफी देर हो चुकी थी। सूचना मिलने के बाद परिजन भी मौके पर पहुंचे तथा घटना की सूचना पुलिस केा दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया।
सुबह 9 बजे की घटना
कुरूक्षेत्र में पटेल नगर कॉलोनी की यह घटना सुबह 9 बजे की बताई जा रही है। वीडियो में दिख रहा है कि तीन चार बेहसहारा पशुओं का एक झुंड कॉलोनी के एक घर के बाहर खड़ा है। जिसमें एक गाय महिला को मार रही है। जमीन जमीन पर पड़ी है और गाय बार बार उस पर हमला कर रही है। गाय के हमले को देखकर अचानक एक युवक घर में घुसता है तथा डंडा से बार बार घर से निकलकर गाय पर हमला कर उसे भगाने का प्रयास करता है, परंतु गाय महिला पर हमला जारी रखती है। हमला कर गाय गली में पड़ी वृद्धा को कभी इधर फेंकती है तो कभी उधर।
नौ बजे घर से निकली थी गुरदीप कौर
बताया जाता है कि बीरेंद्र सिंह की पत्नी 62 वर्षीय गुरदीप कौर सुबह करीब नौ बजे किसी काम के लिए अपने घर से बाहर निकली थी। इसी दौरान घर के बाहर तीन पशुओं के झुंड मे से अचानक एक गाय उस पर हमला कर देती है तथा उसे उठा उठाकर बार बार जमीन पर पटकती रहती है। गुरदीप सिंह की मौत के बाद भी गाय का उस पर हमला जारी रहा। जब तक कॉलोनीवासियों ने इकट्ठे होकर हमला कर रही गाय को भगाया, तब तक गुरदीप कौर की जान जा चुकी थी।
लोगों में प्रशासन को लेकर रोष
कॉलोनीवासी सौरभ, सुमित गोयल, अशोक व रोहित ने कहा कि कॉलोनी की सड़कों पर पिछले 20 दिनों से बेहसहारा पशुओं का झुंड घूम रहा है। जिसके बारे में प्रशासन को अगवत करवाया गया, परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। यदि प्रशासन समय पर बेहसहारा पशुओं को पकड़ लेता तो गुरदीप कौर आज अपनी जिंदगी से हाथ नहीं धोना पड़ता।
कैटल फ्री हरियाणा में पहली घटना नहीं
बेहसहारा पशुओं के हमले की घटना अक्सर सामने आती रहती है। रेवाड़ी में एक सांड न केवल एक फोटो ग्राफर की जान ले चुका है तथा एक महिला व बच्ची पर भी हमला हो चुका है। हिसार, जींद, नारनौल इत्यादि सहित प्रदेश में अधिकतर जगह ऐसे हमले होते रहे हैं। यह स्थिति तब है, जब हरियाणा सरकार 2019 में प्रदेश को कैटल फ्री घोषित कर चुकी है। लाखों करोड़ खर्च कर कागजों में कैटल फ्री घोषित हो चुके शहर की सड़कों, गलियों व बाजरों में आज भी बेहसहारा पशुओं के झुंडों को देखा जा सकता है। जिससे न केवल हादसे होते हैं, बल्कि हमला कर लोगों की जान भी जोखिम में डालते हैं।
जिम्मेदारों पर नहीं होती कार्रवाई
हरियाणा में शहर दर शहर ऐसे हमलों में लोग अपनी जान गंवाते रहते हैं, बावजूद इसके आज तक किसी सरकार व प्रशासन की तरफ ऐसे मामलों के लिए किसी की जवाबदेही तय नहीं की गई। जिससे अफसर हो या कर्मचारी हर बार पाक-साफ होकर निकल जाते हैं। यदि सरकार या प्रशासन की तरफ ऐसे ऐसे मामलों में जवाबदेही तय कर दी जाए तो शायद ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।