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हरियाणा के 615 गांवों में हाल ही में हुई ओलावृष्टि व बारिश से फसल बर्बाद होने पर राहत देने के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है। सीएम नायब सिंह सैनी ने ऐलान किया है कि क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोल दिया गया है। नुकसान झेलने वाले किसान जल्द से जल्द उस पर जाकर पंजीकरण करवा दें ताकि मुआवजा दिया जा सके।

पंचकूला। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि प्रदेश में हाल ही में हुई ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण 615 गांवों में फसल का नुकसान हुआ है। इन सभी प्रभावित गांवों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया गया है और इसके बारे में किसानों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी कर दिया गया है। किसान पोर्टल पर ओलावृष्टि और भारी बारिश से हुए नुकसान को दर्ज करवा सकते हैं ताकि उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा प्रदान किया जा सके। नायब सिंह सैनी ने यह जानकारी आज पंचकूला में बजट 2025-26 के लिए सांसदों और विधायकों के साथ आयोजित पूर्व बजट परामर्श के दौरान दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने सभी उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण किसानों की फसलों को हुए नुकसान की जानकारी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए थे। जिलों से यह रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार किसान हितैषी है और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की लिए अग्रसर है।

टोल-फ्री नंबर 14447 पर 72 घंटे के भीतर फसल खराबे की रिपोर्ट दर्ज करवाएं

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि राज्य में किसानों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और हरियाणा क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से फसल नुकसान की रिपोर्टिंग की व्यवस्था उपलब्ध है। जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकरण करवाया है, वे अपने निकटतम कृषि अधिकारी या टोल-फ्री नंबर 14447 पर संपर्क कर 72 घंटे के भीतर अपनी फसल खराबे की रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं।

बीमा योजना नहीं है तो यह करें किसान 

जो किसान फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत नहीं हैं, वे हरियाणा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपना नुकसान दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए उनका ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। कृषि मंत्री ने ऐसे किसानों से जल्द से जल्द पोर्टल पर पंजीकरण करवाने की अपील की। राणा ने सभी प्रभावित किसानों से आग्रह किया कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी फसल नुकसान की रिपोर्ट दर्ज करवाकर सरकार की सहायता योजनाओं का लाभ उठाएं।

भूपेंद्र हुड्डा ने वेरिफिकेशन न करने के लगाए आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि प्रदेश में लगातार तीन दिन हुई बारिश और ओलावृष्टि के चलते 12 जिलों में गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। गेहूं की खड़ी फसल खेतों में पूरी तरह बिछ गई है, वहीं सरसों के दाने भी झड़ गए हैं। इसके अलावा पशु चारा, सब्जियां व प्याज जैसी कई फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। इसलिए सरकार को कोरी बयानबाजी छोड़कर तुरंत किसानों को हुए नुकसान की गिरदावरी करवानी चाहिए और उन्हें उचित मुआवजा देना चाहिए। जनवरी में भी ओलावृष्टि के चलते फसलों को भारी नुकसान हुआ था। उस समय कांग्रेस द्वारा मांग उठाए जाने के बाद सरकार ने गिरदावरी का ऐलान तो किया, लेकिन न सरकार ने गिरदावरी करवाई और न ही मुआवजा दिया। 1763 गांव के 5299 किसानों ने खराब हुई 2.6 लाख एकड़ फसलों का ब्यौरा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर डाला था। लेकिन अब तक सरकार ने 2.03 लाख एकड़ फसल का वेरिफिकेशन तक नहीं करवाया। 

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