Rohtak: ओटीटी प्लेटफार्म पर कंटेंट चोरी करने के मामले में 104 वर्षीय दादा दुलीचंद बुधवार को रथ में सवार होकर जिला कोर्ट पहुंचे और अपनी हाजरी दर्ज करवाई। सिविल जज आदित्य यादव ने मामले की सुनवाई की और 12 अप्रैल को ऐप सहित पांच लोगों को हाजिर होने के लिए सम्मन भेजा। अब 12 अप्रैल को देखना है कि इस मामले में अदालत क्या कार्रवाई करेगी और क्या निर्णय दिया जाएगा।
पेंशन कटने के बाद चर्चा में आए थे दादा दुलीचंद
समाजसेवी नवीन जयहिंद की तरफ से एक मुहिम चलाई थी, जिसमें पेंशन कटने के बाद दादा दुलीचंद चर्चा में आए थे। दो साल पहले थारा फूफा जिंदा है, इस नाम की काफी चर्चा हुई थी। प्रदेश के लाखों बुजुर्गों, दिव्यांग और विधवाओं की पेंशन इसके बाद बनवाई गई। सरकारी कागजों में सरकार ने इन्हें मरा हुआ दिखाया था और इसी को लेकर तब इन्होंने संघर्ष किया था। लाखों फैमिली आईडी में हुई गड़बड़ ठीक करवाई गई थी। यह अभियान न सिर्फ प्रदेश, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियों का विषय बन गया था।
ओटीटी प्लेटफार्म द्वारा कंटेंट को कमर्शियल रूप में किया प्रयोग
दादा दुलीचंद का कोर्ट में आने का एक ही कारण है कि लोगों को याद दिलाया जाए कि वह अभी जिंदा है। ओटीटी प्लेटफॉर्म ने उनके कंटेंट को कमर्शियल तरीके से यूज कर पैसे कमाने में प्रयोग किया। इस वजह से वह नाराज है और ऐप को 24 घण्टे का समय दिया था लेकिन 24 घंटे बाद भी ओटीटी प्लेटफार्म वालों की तरफ से कोई जवाब न आने पर उन्होंने कोर्ट केस करने का फ़ैसला लिया। कोर्ट में बुधवार को कंटेंट चोरी को लेकर पिटीशन दायर की गई है।