Nuh: पिता की सत्ता में बेटियों को संपत्ति के अधिकार दिलवाने के लिए सांकेतिक अभियान के तहत सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा हरियाणा में अब तक 50 हजार घरों के बाहर बेटियों के नाम की प्लेट लगाई जा चुकी है। महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक सप्ताह के भीतर प्रदेश के पांच हजार घरों के आगे बेटियों के नाम की प्लेट लगाई जाएगी। सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के संस्थापक सुनील जागलान ने बताया कि आठ जुलाई 2015 को जींद जिले के गांव बीबीपुर से उन्होंने यह अभियान अपनी बेटी के नाम की प्लेट लगाकर शुरू किया था।

अभियान के दौरान रूढ़ीवादी मानसिकता का करना पड़ा सामना

सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के संस्थापक सुनील जागलान ने बताया कि शुरूआती दौर में रूढ़ीवादी मानसिकता के चलते उन्हें जहां कुछ गांवों में विरोध का सामना करना पड़ा, वहीं इस अभियान को लेकर वह सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हुए। इसके बावजूद उन्होंने इस मुहिम को हरियाणा के जींद, हिसार, नूंह, फतेहाबाद, पंचकूला आदि जिलों में चलाया। वहीं हरियाणा के बाहर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि में भी इस अभियान को चलाया गया, जिसमें घरों की पहचान वर्मा या शर्मा निवास की बजाय बेटियों के नाम से हुई।

किरूरी व भूतलाका में हर घर के बाहर बेटियों के नाम की प्लेट

सुनील जागलान ने बताया कि हरियाणा के नूंह जिले में जहां जाति विशेष के लोगों के प्रति कई तरह की भ्रांतियां हैं, वहीं सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के प्रयासों से यहां के गांव किरूरी व भूतलाका देश के पहले ऐसे गांव हैं जहां के सभी घरों के आगे बेटियों के नाम की प्लेट लगाई गई है। इसी प्रकार हिसार के गांव सिंघवा राघो, गुरुग्राम के गांव अलीपुर में भी यह अभियान सफलता पूर्वक पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस मुहिम की पहले ही तारीफ कर चुके हैं।

2017 के बाद प्रदेश में आंगनवाड़ी वर्कर घर के बाहर लिख रही बेटी का नाम

सुनील जागलान ने बताया कि सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा यह अभियान शुरू किए जाने के बाद 2017 से हरियाणा में भी बेटियों के पैदा होने पर आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा घर के बाहर उनका नाम लिखा जाने लगा है। महिला दिवस के अवसर पर अब देश के विभिन्न राज्यों में फाउंडेशन ने अपने वालंटियरों के माध्यम से एक सप्ताह के भीतर लड़कियों के नाम की पांच हजार नेम प्लेट लगाई गई हैं।