Haryana: राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में बागवानी विभाग द्वारा फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की ग्रांट बांटने में करोड़ों रुपए के घोटाले की केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई जांच कराने के फैसले से स्पष्ट हो गया कि केंद्र सरकार का हरियाणा सरकार पर कोई भरोसा नहीं। केंद्र सरकार द्वारा बागवानी घोटाले की जांच सीबीआई को देने के निर्णय से हरियाणा सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवालिया निशान लग गया है। हरियाणा में रोज हो रहे नए-नए घोटालों से ऐसा लगता है कि प्रदेश की गठबंधन सरकार ने घोटाला करने का राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने का फैसला कर लिया है और उस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। अगर निष्पक्ष जांच हुई तो सैकड़ों करोड़ के इस घोटाले के तार दूर-दूर तक मिलेंगे।
गठबंधन सरकार की घपले घोटाले पर टिकी नींव
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार की नींव ही घपले-घोटाले पर टिकी है। गठबंधन सरकार दर्जनों घपले-घोटालों में घिरी हुई है। अवैध खनन घोटाला, धान घोटाला, शराब घोटाला, भर्ती घोटाला, नोट फॉर जॉब घोटाला, जीएसटी चोरी घोटाला, परिवहन विभाग का किलोमीटर स्कीम घोटाला, बिजली विभाग में मीटर खरीद घोटाला, हज़ारों करोड़ रुपए की काली कमाई वाला ओवरलोडिंग घोटाला, रोड़वेज भर्ती घोटाला, नायब तहसीलदार भर्ती (पेपर लीक) घोटाला, इंस्पेक्टर भर्ती (पेपर लीक) घोटाला सरकार की नाक के नीचे हुए प्रमुख घोटाले हैं। सभी मामलों में कहीं न कहीं सरकार में उच्च स्तर पर बैठे लोगों की मिलीभगत रही है।
एक विधायक ने कहा था, मौजूदा गठबंधन अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में घोटालों का आलम ये है कि सरकार में शामिल एक विधायक ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि हरियाणा की मौजूदा गठबंधन सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है, जिसको हरियाणा के लोगों से कोई लेना-देना नहीं है। हरियाणा में हालात इस कदर खराब हैं कि हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं। इन भर्ती आयोगों में खुलेआम युवाओं के भविष्य की बोली लगाकर उन्हें नीलाम किया जा रहा है। भीषण बेरोजगारी से हताश युवा पलायन, अपराध और नशे के जाल में फंस रहे हैं।