हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से बड़ी यमुना में पानी छोड़ दिया गया है, जिसके चलते दिल्ली पर बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। इस मानसून के सीजन में पहला मौका है, जब यमुना के पानी को दिल्ली की ओर डायवर्ट किया गया है। यमुना खादर क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से मौजूदा स्थिति की जानकारी देकर सावधानी बरतने को कहा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मानसून की दस्तक के साथ ही पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश हो रही है। इसके चलते यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज में भी जलस्तर में इजाफा देखा गया है। ऐसे में हथिनीकुंड बैराज के 5 गेट खोल दिए गए हैं ताकि पानी को बड़ी यमुना में डायवर्ट किया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि 39205 क्यूसिक पानी दर्ज होने पर गेट खोला गया है। इसमें से 17510 क्यूसेक पानी वेस्टर्न यमुना कैनाल और 3510 क्यूसेक पानी पूर्वी यमुना कैनाल में डायवर्ट किया गया है।
किसी भी वक्त हो सकती है बाढ़ की घोषणा
सिंचाई विभाग के एसडीओ नवीन रंगा का कहना है कि हथिनीकुंड बैराज में एक लाख क्यूसेक पानी दर्ज होने पर इमरजेंसी की श्रेणी में माना जाता है। ऐसी स्थिति में वेस्टर्न यमुना कैनाल और पूर्वी यमुना कैनाल को बंद करके पूरा पानी बड़ी यमुना में डायवर्ट किया जाता है। उन्होंने कहा कि एक लाख क्यूसेक पानी दर्ज होने पर मिनी फ्लड घोषित की जाएगी, वहीं ढाई लाख क्यूसेक पानी होने पर बाढ़ की घोषणा की जाएगी। उन्होंने बताया कि जलस्तर जितनी तेजी से बढ़ रहा है, उसके चलते दो लाख क्यूसेक पानी दर्ज होने की आशंका है। यही वजह है कि यमुना के निचले इलाकों में रहने वाले सभी लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
दिल्ली सरकार पूरी तरह से सतर्क
उधर, बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार पूरी तरह सतर्क है। राजधानी में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। साथ ही अधिकारियों को भी 24 घंटे निगरानी रखने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके अलावा, दिल्ली विकास प्राधिकरण यमुना के खादर क्षेत्र से अतिक्रमण हटा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की जानहानि को रोका जा सके। इसी कड़ी में डीडीए ने बीते दिन सराय काले खां के समीप यमुना के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण रोधी अभियान चलाकर अवैध निर्माण को ढहा दिया है। स्थानीय लोगों की मानें तो यमुना डूब क्षेत्र में बने 250 से ज्यादा अवैध निर्माण को ढहा दिया गया है।
पानी पर फिर से सियासत होना लाजमी
भीषण गर्मी के चलते दिल्ली के लोगों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ा था। पेयजल किल्लत पर दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच खासा टकराव देखने को मिला था। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जहां पेयजल संकट के लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया था, वहीं नायब सैनी की सरकार ने आरोप लगाया था कि पूरा पानी छोड़ने के बावजूद कुप्रबंधन के चलते दिल्ली के लोग पेयजल समस्या झेल रहे हैं, जिसके लिए पूरी तरह से केजरीवाल की सरकार जिम्मेदार है। दोनों राज्यों के बीच टकराव का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। अब जबकि मानसून आ चुका है, लिहाजा अब बाढ़ के पानी को लेकर फिर से सियासत का गरमाना लाजमी है।