Haryana: डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने एफएसएल में लंबे वक्त से लंबित मामलों में गंभीरता दिखाते हुए तुरंत ही निपटारे के आदेश दिए। अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए एफएसएल में मौजूदा स्टॉफ की कार्य प्रणाली बेहतर बनाने पर बल दिया और एफएसएल अफसरों को अलग-अलग पैरामीटर के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए। शत्रुजीत कपूर ने कहा कि एफएसएल में आने वाले नमूने पर कम समय लगे, इसे लेकर अतिरिक्त मैनपॉवर और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिससे विशेषज्ञों की काम को लेकर आउटपुट बढ़ेगी। वे औद्योगिक अभियांत्रिकी के सिद्धांत पर प्रक्रियाओं का अध्ययन करें और जहां संभव हो, सहकर्मी स्टाफ की संख्या बढ़ाना तथा नई तकनीक के उपकरण उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।

जल्द दूर होगी स्टाफ की कमी

शत्रुजीत कपूर ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 53 वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक और वैज्ञानिक सहायक के पद पर भर्ती की जा रही हैं जिसकी भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके अलावा, हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से 135 वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक, वैज्ञानिक सहायक तथा प्रयोगशाला सहायक की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इनमें से 14 कर्मचारियों ने ज्वाइन कर लिया है और अन्य पदों के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा, हरियाणा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के माध्यम से 23 वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारियों की चयन परीक्षा इस महीने आयोजित की जा रही है। इसके साथ ही साइबर फॉरेंसिक यूनिट के लिए 155 पद और सृजित किए गए हैं जिनकी सरकार द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और जल्द ही इन पदों पर भर्ती की जाएगी ।

दो शिफ्टों में कर्मचारियों की लगा सकते हैं ड्यूटी, बढ़ेगा रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड

वर्तमान में प्रदेश में 5 एफएसएल लैब है जहां पर नमूनों की जांच करते हुए रिपोर्ट तैयार की जाती है। एफएसएल द्वारा की गई जाने वाली जांच में विशेषज्ञों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, ऐसे में विशेषज्ञ तथा सहयोगी कर्मी एक बेहतर तालमेल के साथ काम करें। उन्होंने नमूने एकत्रित करने उपरांत इनकी रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके लिए अधिकारी स्टॉफ की दो शिफ्टों में भी ड्यूटी लगा सकते हैं। इसके अलावा, नमूनों की जांच के लिए नए उपकरण खरीदे जाने को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई।

साइबर विशेषज्ञों की टीम भी होगी अपग्रेडिड

बैठक में जिलों में साइबर एक्सपर्ट्स द्वारा किए जाने वाले कार्यों को लेकर चर्चा करते हुए कहा कि जिलों में वारदात आदि होने पर डेटा निकालने, वीडियो एनालिसिस, सीसीटीवी फुटेज, रिकॉर्डिंग आदि सहित कई तथ्यों की पड़ताल की जाती है। ऐसे में जिलों में साइबर एक्सपर्ट्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। शत्रुजीत कपूर ने कहा कि जिलों में साइबर एक्सपर्ट्स की कैपेसिटी बिल्ड करें ताकि जांच संबंधी रिपोर्ट जिलों में ही तैयार की जाए। इसके लिए नए उपकरणों तथा सॉफ्टवेयर आदि को भी शामिल करें।

डीएनए संबंधी मामलों के लिए सीडीएफडी के साथ एमओयू

एनडीपीएस एक्ट के तहत बरामद किए जाने वाले मादक पदार्थों के निस्तारण के लिए नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) अहमदाबाद तथा हरियाणा सरकार द्वारा समझौता किया गया है जिससे अब एनडीपीएस संबंधी मामलों का निस्तारण पहले की अपेक्षा जल्दी हो सकेगा। इसी प्रकार, डीएनए आदि संबंधी मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (सीडीएफडी) के साथ समझौता किया जा रहा है। उन्होंने मुख्य रूप से अधिकारियों को तीन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। पहला विजिबल लंबित मामलों की सूची, दूसरा जिन्हें पेंडेंसी में काउंट नहीं किया गया है तथा तीसरा नमूनों की जांच रिपोर्ट जल्दी तैयार हो जाए।