Mahendragarh: उपतहसील सतनाली में बस स्टैंड बनने के 10 साल बाद भी चंडीगढ़ के लिए सीधी बस सेवा शुरू नहीं हो पाई हैं। ऐसे में 60 गांवों की 50 हजार की आबादी को चंडीगढ़ के लिए बस पकड़ने के लिए नारनौल व महेंद्रगढ़ जाना पड़ रहा हैं। क्षेत्र के लोग लंबे समय से चंडीगढ़ व दिल्ली रूटों पर सतनाली से सीधी बस सेवा चलाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन क्षेत्र के लोगों से भेदभाव किया जा रहा है। अभी तक लोगों को चंडीगढ़ के लिए सीधी परिवहन सुविधा नहीं दी गई।
2014 में बनाया गया था बस स्टैंड
बता दें कि वर्ष 2014 में सतनाली उपतहसील में परिवहन विभाग की ओर से बस स्टैंड बनाया गया था। सतनाली उपतहसील हरियाणा व राजस्थान के लगभग 80 गांवों-ढाणियों का मुख्य केंद्र बिंदू हैं, लेकिन अभी भी परिवहन सहित अनेक क्षेत्रों में काफी पीछे है। क्षेत्र के लोगों के लिए अभी तक सतनाली से चंडीगढ़ व दिल्ली बडे़ रूटों के लिए कोई सीधी बस सेवा उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण क्षेत्रवासियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए अनेक बसें बदलनी पड़ती हैं। ऐसे में उन्हें समय के साथ-साथ आर्थिक हानि भी उठानी पड़ रही है। इसके अलावा लगभग सभी रूटों पर रात्रि के समय सतनाली आने वाले यात्री भगवान भरोसे ही होते हैं, क्योंकि यहां पर किसी भी मार्ग पर कोई भी रात्रिकालीन बस सेवा उपलब्ध नहीं है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों को कई बार दिया ज्ञापन
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सतनाली बस स्टैंड से सीधी चंडीगढ़ के लिए बस चलाने की मांग को लेकर कई बार विभाग के उच्च अधिकारियों व सरकार को अवगत कराया जा चुका हैं। लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। पिछले वर्ष मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम में भी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के समक्ष सतनाली से चंडीगढ़ के लिए बस सेवा शुरू करने की मांग रखी गई थी। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी बस सेवा शुरू नहीं हो पाई। ऐसे में क्षेत्र के लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
सैकड़ों यात्री करते हैं यात्रा
गांव बासड़ी के सरपंच प्रमोद का कहना है कि उपतहसील सतनाली क्षेत्र के गांवों के साथ भिवानी जिला व राजस्थान के भी दर्जनों गांवों का मुख्य केंद्र बिन्दु है। यहां से प्रतिदिन सैकड़ों लोग विभिन्न सरकारी, अदालती, प्रशासनिक एवं राजनैतिक व्यापारिक कारणों से अन्य शहरों की यात्रा करते हैं। लेकिन कस्बे से चंडीगढ़, दिल्ली सहित उपरोक्त स्थानों के लिए कोई सीधी बस सेवा नहीं होने से उन्हें दो-तीन बसें बदलकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है।