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हरियाणा के जींद जिले में सरकारी अस्पतालों के अंदर डॉक्टरों की हड़ताल के चलते सीएमओ ने खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने बीएमएस, एनएचएम के तहत लगे चिकित्सकों के सहारे व्यवस्था को संभालने का प्रयास किया।

Jind : हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को दूसरी बार जिलाभर के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक हडताल पर रहे। किसी भी चिकित्सक ने ओपीडी नही की, जिसके चलते सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल और पीएमओ डॉ. जितेंद्र कादियान को खुद ओपीडी की कमान संभालनी पड़ी। इसके साथ ही सेवानिवृत गायनी चिकित्सक को भी डयूटी के लिए बुलाया गया। वहीं व्यवस्था बनाने के लिए बीएमएस, एनएचएम के तहत लगे चिकित्सकों को भी बुलाया गया, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों के न मिलने से मरीजों व उनके तिमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

जनसंख्या के हिसाब से की जाए विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के प्रधान डॉ. बिजेंद्र ढांडा ने कहा कि नागरिक अस्पतालों में स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की भर्ती होनी चाहिए। जनसंख्या के हिसाब से अधिक से अधिक चिकित्सकों की भर्ती की जाए। एसीपी का चार बार लाभ दिया जाए लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा। सिवाय कोरे आश्वासनों के उन्हें कुछ हासिल नहीं हो रहा।

चिकित्सकों की मांगों बारे स्वास्थ्य विभाग को करवाया अवगत

डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला ने बताया कि मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग तथा अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है लेकिन मांगों को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। जिसके चलते मजबूरन चिकित्सकों को हड़ताल का कदम उठाना पड़ा। एसोसिएशन को स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा बैठक के लिए दो बजे बुलाया गया है। 

बीएमएस, एनएचएम के तहत लगे चिकित्सकों के सहारे संभाली व्यवस्था

चिकित्सकों के हडताल पर रहने के चलते वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर बीएमएस व एनएचएम के तहत लगे चिकित्सकों को ओपीडी के लिए अस्पतालों में बुलाया गया। वहीं सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल व पीएमओ डॉ. जितेंद्र कादियान लगातार अस्पताल का दौरा करते रहे। इस दौरान दोनों ही अधिकारियों ने मरीजों को भी देखा। हालांकि आम दिनों की अपेक्षा बहुत कम ओपीडी हुई। दोपहर तक केवल 150 मरीज ही अस्पताल में पहुंचे।

लेबर व इमरजेंसी सेवाओं को रखा गया सुचारू

सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल ने बताया कि चिकित्सकों की हड़ताल को लेकर जानकारी उच्च अधिकारियों को उपलब्ध करवा दी। अस्पताल में इमरजेंसी, पोस्टमार्टम और लेबर जैसी सेवाओं को सुचारू रखा गया। इसके अलावा बीएएमएस व एनएचएम के तहत लगे चिकित्सकों ने उपचार किया। उन्होंने स्वयं अस्तपताल का दो से तीन बार दौरा कर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। अस्तपाल को लेकर किसी तरह की कोई परेशानी नही आने दी गई।

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