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हरियाणा में डाॅक्टरों 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। सरकार हड़ताल टालने को प्रयासरत है। बैठक में अधिकतर मांगों पर सहमति भी बनी, परंतु एचसीएमएस ने नोटिफिकेशन जारी होने तक हड़ताल नहीं टालने की शर्त रख दी।

Doctors' strike। हरियाणा में 25 जुलाई को डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को देखते हुए शनिवार को एसीएस हेल्थ सुधीर राजपाल व एचसीएमएस की बैठक हुई। लिखित में चली बैठक की कार्रवाई के दौरान सरकार व एचसीएमएस के बीच अधिकतर मांगों पर सहमति भी बन गई, परंतु डॉक्टर 25 जुलाई की हड़ताल टालने के लिए सहमत नहीं हुए। एचसीएमएस ने कहा कि सरकार द्वारा मांगें पूरी करने का नोटिफिकेशन जारी करने के बाद ही हड़ताल टालने पर विचार किया जाएगा। जब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं होगा तब तक हड़ताल को टालना तो दूर विचार भी नहीं किया जाएगा। एसीएस ने जल्द ही सरकार की तरफ से लिखित आदेश जारी करने का आश्वासन दिया।

पहले जारी होगा लिखित आदेश, फिर करेंगे हड़ताल पर विचार

एचसीएमएस एसोसिएशन प्रधान डा. राजेश ख्यालिया और उनके साथियों का कहना है कि 25 से पहले पहले उनकी चार मांगों को लेकर अगर लिखित में आदेश जारी होने की सूरत में ही हड़ताल वापस ली जाएगा। बृहस्तपतिवार औऱ शुक्रवार दोनों दिन में डॉक्टरों की मांगों को लेकर एसीएस सुधीर राजपाल से मुलाकात कर एक एक मांग को लेकर लंबी चर्चा हुई। एसीएस ने सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया कि इस संबंध में लिखित में भी आदेश जारी कर दिए जाएंगे। कुल मिलाकर डाक्टरों की मान मनौव्वल के साथ ही वार्ता सार्थक होने के कारण अब एसोसिशएन की ओर से भी माहौल पाजिटिव बन गया है।

24 को तय होगी अगली रणनीति

प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया ने संगठन पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की। जिसमें तय किया गया कि अगली रणनीति 24 जुलाई को तय की जाएगी। गत दिनों प्रदेश के सभी जिलों में डाक्टरों ने दो घंटे ओपीडी बंद रखी थी, साथ ही धरने प्रदर्शन और आपात बैठकें की थीं। डॉक्टरों की नाराजगी को देखते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य सेवाएं ने लंबी चर्चा करते हुए अधिकाश मामलों में पाजिटिव रुख दिखाया है। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी और डॉक्टरों पर लगातार काम का बोझ बढ़ जाने के कारण नाराज डॉक्टर ने आंदोलन की राह पकड़ ली है।

जिला स्तर पर सौंगे गए थे ज्ञापन

एसोसिएशन ने सरकार के रूख पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए जिलों एक दिन पहले ज्ञापन सौंपें थे। एसोसिएशन का आरोप है कि कोरोना योद्धा कहे जाने वाले डॉक्टरों को जायज मांगों के लिए आंदोलन की राह पकड़नी पड़ गई है। अध्यक्ष डाक्टर राजेश ख्यालिया ने बताया कि दो घंटों की ओपीडी बंद को लेकर पहले ही अधिकारियों और सरकार को अवगत कराया गया था। इस कारण सभी जिलों में नाराज डॉक्टरों ने नाराजगी जाहिर करते हुए धरने दिए औऱ प्रदर्शन किया है। एसोसिएशन का कहना है कि छह माह पहले सभी मांगों पर तत्कालीन मंत्री और अफसरों से सहमति बन चुकी थी। लेकिन अफसरशाही ने फाइलों को जगह-जगह पर अटकाया हुआ है।

दमन के आगे नहीं झुकेंगे

अध्यक्ष राजेश ख्यालिया का कहना है कि किसी भी दमनकारी कदम से वे झुकने वाले नहीं हैं। पहले दो घंटे की हड़ताल को लेकर लगभग तीन हजार डॉक्टरों का वेतन काट देने के आदेश लिखित में जारी कर दिए, जब डाक्टरों ने नाराजगी जताई और हड़ताल पर जाने की बात कही, तो पत्र वापस लिया गया। इसके अलावा भी कईं तरह के पत्र जारी कर कुछ अफसर गुमराह करने और दबाव बनाने का काम कर रहे हैं, लेकिन हम इस तरह से झुकने वाले नहीं हैं। अध्यक्ष ने कहा कि वार्ता सार्थक दिशा में जा रही है, इसलिए हेल्थ विभाग के कुछ अफसर इसे बिगाड़ने का खेल कर रहे हैं, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि 25 जुलाई को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।

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