Jind: गोपाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने अपने प्रवास के दूसरे दिन पूर्व सैनिकों के साथ वार्ता की और माज में अनुशासन व देशभक्ति के भाव को बढ़ाने के लिए मंथन किया। डॉ. मोहन भागवत ने संघ में सक्रिय पूर्व सैनिक स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप तो सेना में रहे हैं, ऐसे में आपके अंदर अनुशासन व देशभक्ति का भाव पहले ही भरा हुआ है। संघ भी समाज में अनुशासन व देशभक्ति के भाव को बढ़ाना चाहता है। अनुशासन व देशभक्ति से देश का युवा वर्ग अनुशासित होकर अपने देश को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करेगा। इसलिए आप संघ को और गहराई से समझ कर हरियाणा में संघ के कार्य को बढ़ाने में अपना योगदान दें।
संघ समाज परिवर्तन के लिए निरंतर कर रहा कार्य
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि संघ समाज परिवर्तन के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। संघ समाज में लोगों तक पंच परिवर्तन अर्थात पांच विषयों को लेकर प्रबोधन करेगा। स्व का बोध अर्थात स्वदेशी, नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन ये पंच परिवर्तन के कायोंर् को पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। इन पंच परिवर्तन के कार्यों से ही समाज में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। स्व के बोध से नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होंगे। नागरिक कर्तव्य बोध अर्थात कानून की पालना से ही राष्ट्र समृद्ध व उन्नत होगा। सामाजिक समरसता व सद्भाव से ऊंच-नीच जाति भेद समाप्त होंगे। पर्यावरण से सृष्टि का संरक्षण होगा तथा कुटुम्ब प्रबोधन से परिवार बचेंगे और बच्चों में संस्कार बढ़ेंगे।
स्वदेशी से राष्ट्र होगा मजबूत
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि समाज में बढ़ते एकल परिवार के चलन को रोक कर भारत की प्राचीन परिवार परंपरा को बढ़ावा देना होगा। स्वदेशी से राष्ट्र मजबूत होगा। नागरिक कर्तव्य से ही समाज के लोग पर्यावरण के प्रति सजग होंगे और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा। समाज में बढ़ती जात-पात की खाई को पाट कर सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए समाज के सभी वर्ग आपस में मिलना-बैठना, एक दूसरे के सुख व दुख में हिस्सा लेना अपने स्वभाव में लाएं।