दुष्यंत चौटाला के खिलाफ किसानों में रोष: बेटे के समर्थन में उतरीं मां नैना चौटाला, बोलीं- 'काले झंडे दिखाने वाले विरोधी पार्टियों के लोग'

Naina Chautala supported Dushyant Chautala
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पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को मिला उतरी मां नैना चौटाला का समर्थन।
हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच अब उनके समर्थन में मां नैना चौटाला आ गई हैं।

Naina Chautala Supported Dushyant Chautala: हरियाणा के किसान प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से ज्यादा नाराज दिख रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 5 अप्रैल को दुष्यंत चौटाला के काफिले को हिसार के नारनौंद में किसानों ने काले झंडे दिखाए। किसानों और कुछ ग्रामीणों ने गांव के बाहर दुष्यंत चौटाला के वाहन को रोक दिया और नारेबाजी की। इस बीच दुष्यंत चौटाला को अब उनकी मां विधायक नैना चौटाला का समर्थन मिला है।

क्या बोलीं नैना चैटाला

नैना चैटाला ने स्पष्ट कह दिया है कि जेजेपी नेता का विरोध करने वाले लोग किसान नहीं, विरोधी पार्टियों के लोग हैं। जो दुष्यंत का विरोध कर रहे हैं। दुष्यंत को पहले भी दबाने की बहुत ज्यादा कोशिश की गई। दुष्यंत न दबेगा और न डरेगा। दुष्यंत ने पहले भी संघर्ष किया है और आगे भी संघर्ष करेगा। इसी संघर्ष के रास्ते एक दिन हरियाणा का मुख्यमंत्री बनेगा। बता दें कि किसानों ने विरोध के दौरान कुछ स्थानीय युवाओं की चौटाला के साथ सीधी बहस भी हुई थी।

किसानों पर भड़के पर चौटाला

बहस के बाद दुष्यंत चौटाला पर किसान भड़क गए थे। उनका कहना था कि दुष्यंत ने उनसे कहा है कि उन्हें राजनीति न सिखाएं। इसके बाद किसानों ने चौटाला को गांव के बाहर गाड़ी खड़ी कर पैदल जाने पर मजबूर कर दिया। किसानों के विरोध के चलते चौटाला को एक कार्यकर्ता की गाड़ी में गांव तक ले जाया गया। इस दौरान भी प्रदर्शनकारी किसानों ने नारेबाजी जारी रखी।

किसानों ने लगाए ये आरोप

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दुष्यंत चौटाला लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। लेकिन कई जगहों पर उन्हें किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का आरोप है कि चौटाला ने उन 750 किसानों के लिए कभी आवाज नहीं उठाई, जो अब रद्द किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के दौरान मारे गए थे। उस समय जेजेपा हरियाणा में सत्तारूढ़ बीजेपी की गठबंधन सहयोगी थी।

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इसके साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि किसान आंदोलन-2 के दौरान भी किसानों को हरियाणा के बॉर्डर पर रोक दिया गया। चौटाला तब भी सीएम मनोहर लाल की सरकार में उपमुख्यमंत्री थे, लेकिन उन्होंने एक बार भी किसानों की आवाज नहीं उठाई। इसको लेकर किसानों में खासा नाराजगी है। इसलिए सीएम को विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

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