Haryana Refund Scam: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में 70 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) लगातार एक के बाद एक खुलासे कर रही है। मंगलवार को पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में ईडी को छापेमारी के दौरान एजेंसी ने 19 लाख रुपये नकद और 11 करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए। इसके अलावा फर्जीवाड़े में ईडी को 115 बैंक खातों का पता चला, जिनकी जांच की जा रही है। ईडी ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रविधानों के तहत मंगलवार को चंडीगढ़, पंचकूला (हरियाणा), जीरकपुर (मोहाली, पंजाब), बद्दी और सोलन (हिमाचल प्रदेश) में कम से कम 20 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया।

सरकारी खजाने में 70 करोड का हुआ था नुकसान 

प्रवर्तन निदेशालय ने एचएसवीपी (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। ईडी ने जांच में पाया कि 2015 से 2019 की अवधि के दौरान विभिन्न व्यक्तियों, फर्मों और कंपनियों ने एचएसवीपी बैंक खाते का दुरुपयोग करते हुए धोखाधड़ी से सरकारी धन का लाभ उठाया। इससे सरकारी खजाने को लगभग 70 करोड़ रुपये की वित्तीय हानि हुई।

अधिकारियों ने लाभार्थियों को कई बार जारी किया था धन 

ईडी को जांच से यह भी पता चला कि एचएसवीपी के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता से लाभार्थियों के पक्ष में सरकारी धन बार-बार जारी किया गया था। ये लाभार्थी प्रथम दृष्टया विभाग की किसी भी प्रकार की नियमित सेवाओं, निवेश या अन्य वित्तीय गतिविधियों से संबंधित नहीं थे। इन लेनदेन का रिकॉर्ड एचएसवीपी के पास भी उपलब्ध नहीं था।

जांच में यह भी पाया गया कि विभिन्न फर्जी संस्थाओं जैसे यूनिसिटी कंस्ट्रक्शन आदि को विभिन्न अचल संपत्तियों और अन्य खर्चों में निवेश के लिए अपराध की आय के लेयरिंग, रोटेशन और उपयोग के लिए लाभार्थियों द्वारा शामिल और उपयोग किया गया था। इसके अलावा, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और विभिन्न फर्मों और कंपनियों के खातों की किताबें भी मिलीं। जिसे ईडी ने जब्त कर लिया है।

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फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिया मुआवजा

जानकारी के मुताबिक कुछ प्रॉपटी एजेंटों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंचकूला में जमीन दिखाकर हुडा को अधिग्रहीत करा दी और मुआवजा ले लिया। फर्जीवाड़ा करने वाले प्रॉपटी एजेंटों ने मुआवजा राशि अपने और रिश्तेदारों के बैंक खातों में जमा कराई थी। इसमें हुडा के पांच से छह अधिकारियों पर संलिप्त होने के आरोप लगे थे। इनमें से कुछ अधिकारी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ईडी ने प्रॉपटी एजेंटों के साथ हुडा के सेवानिवृत्त अधिकारियों के घरों पर भी छापेमारी की।