नरेन्द्र वत्स, रेवाड़ी: गत लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लगभग 4.95 लाख वोट लेकर सम्मानजनक हार का सामना कर चुके पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के लिए इस सीट पर अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई नजर आने लगी है। पार्टी के दूसरे सीनियर नेताओं से मिली उपेक्षा के चलते पहले चुनाव मैदान छोड़ने और बाद में तैयार होने की बात कहने वाले कैप्टन अब इस सीट पर खुद तो चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, परंतु वह किसी अहीर प्रत्याशी को इस सीट पर टिकट के पक्षधर भी नहीं हैं। इसके लिए वह पार्टी हाईकमान के सामने अपनी बात रख चुके हैं।
अहीरवाल क्षेत्र में राव इंद्रजीत के बाद दूसरे कद्दावर नेता कैप्टन अजय
कैप्टन अजय सिंह यादव अहीरवाल क्षेत्र में राव इंद्रजीत सिंह के बाद दूसरे कद्दावर नेता हैं। इस समय उनके राजनीतिक सितारे गर्दिश में नजर आ रहे हैं। कांग्रेस की गुटबाजी से कैप्टन ने खुद को अलग रखने का पूरा प्रयास किया, लेकिन पूर्व में किए गए विरोध को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भुला नहीं पाए। इस समय पार्टी में हुड्डा खेमा मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है। प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान उनकी मर्जी के बिना कोई कदम नहीं उठाते, तो प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया भी हुड्डा खेमे को पूरी तव्वजो दे रहे हैं। हुड्डा के प्रभाव के चलते ही पार्टी ने इस बार लोकसभा टिकट के लिए आवेदन की शर्त रख डाली थी। इसी के साथ वरिष्ठ नेता होने के बावजूद कैप्टन को चुनाव समिति से दूर रखा गया। कैप्टन ने नाराजगी जताते हुए पहले आवेदन से इनकार किया। बाद में उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। कैप्टन को शायद इस बात का भरोसा था कि शीर्ष नेतृत्व की ओर से उन्हें मनाने के प्रयास किए जाएंगे, परंतु उनकी यह मंशा पूरी नहीं हो सकी।
अहीर प्रत्याशी बनाते ही भविष्य का खतरा
कांग्रेस अगर इस सीट पर कैप्टन की जगह किसी और अहीर नेता को टिकट थमा देती है, तो भविष्य में इस सीट पर कैप्टन का दावा कमजोर पड़ जाएगा। गुरूग्राम से बढ़कर उनके लिए दूसरी कोई सुरक्षित सीट नहीं है। सूत्र बताते हैं कि इसी बात को लेकर कैप्टन अजय सिंह यादव पार्टी हाईकमान से इस सीट पर किसी गैर अहीर को टिकट देने की फरियाद लगा चुके हैं, ताकि आने वाले समय में यह सीट उनके लिए सुरक्षित बनी रहे। इसके लिए उन्होंने राजबब्बर के नाम की पैरवी तक की है, लेकिन उन्हें टिकट देने की संभावना कम है।
गैर अहीर नेता को टिकट की संभावना
वरिष्ठ होने के नाते अगर पार्टी हाईकमान कैप्टन अजय सिंह यादव के अनुरोध पर विचार करता है, तो किसी गैर अहीर नेता को इस सीट पर प्रत्याशी बनाया जा सकता है। गैर अहीर नेताओं में जितेंद्र भारद्वाज ब्राह्मण नेता के रूप में मौजूद हैं। महेंद्र छाबड़ा पंजाबी नेता के रूप में टिकट की मांग कर चुके हैं। आफताब अहमद मुस्लिम नेता के रूप में टिकट के दावेदार हैं। कैप्टन अजय सिंह ने स्पष्ट किया कि पार्टी जिसे भी टिकट देगी, वह उसका खुलकर साथ देने के लिए तैयार हैं।