Online Class: हरियाणा के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में ठंड की छुट्टियां 15 जनवरी 2024 तक रहेगी। छुट्टी के चलते कुछ बच्चों के ऑनलाइन क्लास चल रही है। ऑनलाइन क्‍लास के दौरान बच्चों को 6-8 घंटे मोबाइल या कंप्यूटर पर बिताना पड़ता है। जिसके कारण बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंच रहा है और बच्चे मायोपिया के शिकार हो रहे हैं। बता दें कि मायोपिया आंखों का ऐसी बीमारी है, जिसमें निकट की चीजें तो साफ दिखती है, लेकिन दूर की रोशनी धुंधली हो जाती है। तो ऐसे में अब जान लेते हैं कि आखिर बच्चों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे वे इस बीमारी के शिकार होने से बच सकते हैं। 

स्क्रीन पर बिताया जाने वाला समय कितना होना चाहिए

करीब 6-8 घंटे की ऑनलाइन पढ़ाई और फिर दूसरी क्लासेस, ऑनलाइन मोबाइल गेम, टीवी ये सब मिलाकर बच्चे क़रीब 8-9 घंटे स्क्रीन पर समय बिता रहे हैं। एक्स्पर्ट्स कहते हैं की बच्चों के लिए स्क्रीन पर बिताया जाने वाला समय दो घंटे से ऊपर नहीं होना चाहिए।

ब्लिंक करना है जरूरी 

एक्स्पर्ट्स के मुताबिक बीते कुछ सालों में काफी पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ शिकायत लेकर आ रहे हैं की उनके बच्चे को ठीक से दिखाई नहीं दे रहा है। आंख लाल हो रही है। हालांकि ये दिक्कत सिर्फ बच्चों को ही नहीं है बल्कि बड़ों को भी ये दिक्कत आ रही है। एक्स्पर्ट्स के मुताबिक जब आप स्क्रीन के ऊपर देखते हो तो ब्लिंक करते रहना चाहिए, ताकि आंखें मोइस्ट रहें, इसके लिए ब्लिंक करना बहुत ज़रूरी है। लगातार स्क्रीन पर देखने से आंख ड्राई हो जाती है। जिससे बच्चों में  मायोपिया होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप में पढ़ाई कर रहे तो मोबाइल को 1 फीट दूर यदि लैपटॉप में पढ़ाई कर रहे हैं तो उसे 2 फीट दूर रखना चाहिए।

रेटिना डैमेज होने का खतरा

जिस कमरे में बच्‍चे टीवी, कंप्यूटर या फोन चला रहे हैं या फिर ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं, वहां पर अच्छी रोशनी होनी चाहिए ताकि आंखों पर दबाव न पड़े। लैपटॉप या मोबाइल की स्क्रीन ब्राइटनेस को मिडियम रखना चाहिए। अगर बच्चा कम रोशनी में स्‍क्रीन पर देखते हैं तो इससे आंखों पर बुरा असर पड़ता है और इससे रेटिना के डैमेज होने का खतरा रहता है। बच्चे को 33 से.मी के स्मार्टफोन की बजाय 50 से.मी की स्क्रीन वाला लैपटॉप या टैबलेट में क्लास लेनी चाहिए।

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क्‍लास के दौरान ब्रेक जरूर लें

लगातार स्क्रीन पर देखना आंखों के लिए नुकसानदायक होता है, इसलिए ऑनलाइन क्‍लास के बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना। ऐसा करने से सिर्फ आंखें ही नहीं बच्चों के शरीर के लिए भी अच्छा होता है। हर 20 मिनट के बाद 20 सेकंड का ब्रेक लेकर बच्चों को आंखों की एक्सरसाइज करना चाहिए। अगर बच्चा इन बातों का ध्यान नहीं दे रहा है, तो पैरेंट्स को इन सब बातों परस जरुर ही गौर करना चाहिए।