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FADC Scheme: हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार बेसहारा बच्चों के लिए बहुत बड़ी सहारा बन चुकी है। राज्य के निराश्रित और अनाथ बच्चों के लिए एफएडीसी योजना शुरू की गई थी।

FADC Scheme: हरियाणा में सरकार ने बेसहारा बच्चों के लिए एफएडीसी योजना शुरू की है, जिसके तहत जिन बच्चों के माता-पिता या अभिभावक जो लंबी बीमारी, मृत्यु या लंबी कारावास की वजह से अपने बच्चों की उचित देखभाल नहीं कर सकते हैं, उन्हें अधिकतम सहायता के अधीन वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। वित्त वर्ष 2022-23 में 2 लाख से ज्यादा बेसहारा बच्चों के लिए मनोहर लाल खट्टर सरकार की ओर से यह सहायता दी गई।

FADC Scheme क्या है

हरियाणा सरकार निराश्रित और बेसहारा बच्चों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए यह योजना चला रही है। इस योजना के तहत जो बच्चे अपने माता-पिता की मौत या लंबे समय तक जेल में होने, लंबी बीमारी या किसी मानसिक समस्या की वजह से उचित देखभाल से वंचित रह जाते हैं, उन्हें 21 साल की उम्र तक वित्तीय सहायता दी जाती है। यह वित्तीय सहायता उनके माता-पिता या अभिभावकों को दिया जाता है, ताकि ऐसे बच्चों को संभालने में उन्हें आर्थिक रूप से कोई अड़चन न आए। यह योजना निर्धारित योग्यता मानदंडों के अनुसार एक परिवार के दो बच्चों पर लागू होता है।

योजना की सुरक्षा राशि को बढ़ा दी गई 

इस योजना का लाभ एक परिवार में दो ही बच्चों को दी जाती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने 2021 से इस योजना के तहत दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा राशि को प्रति बच्चा बढ़ाकर 1600 रुपये मासिक कर दिया है। बता दें कि पिता किसी वजह से पिछले दो वर्षों से घर से गायब हो या माता-पिता को कम से कम एक साल की जेल की सजा हुई हो। हरियाणा सरकार ऐसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए उनके पालन-पोषण से लेकर नौकरी और शादी तक पर ध्यान दे रही है। 

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना

हरियाणा सरकार का बेसहारा बच्चों के प्रति जिम्मेदारी विशेष रूप से तब देखने को मिला था, जब कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों की सहायता के लिए उन्होंने 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' शुरू की। इस योजना के तहत जिन बच्चों ने कोविड की वजह से अपने माता-पिता को खो दिया था, उनकी देखभाल करने वाले परिवारों को प्रति बच्चा हर महीने 2,500 रुपये की सहायता देने की व्यवस्था की गई थी। यही नहीं जब तक ये बच्चा 18 साल का नहीं हो जाता, इन्हें अलग से सालाना 12,000 रुपए की राशि देने की भी व्यवस्था की गई है।

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2 लाख से ज्यादा बच्चों को मिल रहा लाभ

इस योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक है कि माता-पिता या अभिभावकों की सालाना आय 2,00,000 रुपये से अधिक न हो।  साल 2020-21 तक के जो आंकड़ों के अनुसार सरकार ने इस योजना पर 354 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए थे। जबकि, 2021 से सहायता राशि बढ़ा दी गई और लाभार्थियों की संख्या भी 2023 तक बढ़कर 2,00,598 हो चुकी। हरियाणा सरकार सामाजिक पेंशन योजनाओं पर जो कुल रकम खर्च कर रही है, उसमें से 8.85 प्रतिशत  ऐसे ही निराश्रित बच्चों पर खर्च की जा रही है।  

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